क्या बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा करने के लिए नागा साधु सड़क पर उतर आए हैं? बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो के साथ कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है. वीडियो में किसी सड़क से नागा साधुओं की बड़ी रैली निकलती दिख रही है. कुछ साधुओं ने हाथ में तलवार और त्रिशूल पकड़े हुए हैं.

वीडियो के साथ लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, 'बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा में उतरे हमारे नागा साधु.. बांग्लादेश कुच करने की दी चेतावनी.....'. इस दावे के साथ ये वीडियो इंस्टाग्राम, एक्स और फेसबुक पर काफी वायरल हो रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. ये 2021 का हरिद्वार में हुए कुंभ मेले का वीडियो है.
कैसे पता चली सच्चाई?
सबसे पहले हमने ये पता लगाने की कोशिश की कि ये वीडियो कहां का है. वीडियो में ‘GOPAL RADIOS’ और ‘ईश्वर खादी कंबल भंडार’ नाम की दो दुकानें दिख रही हैं. गूगल मैप्स की मदद से पता चला कि ये दोनों दुकानें उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित हैं. इसके बाद यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें ये वीडियो ‘Naveen binjola’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला जहां इसे 13 मार्च 2021 को अपलोड किया गया था. ये बात तो यहीं साफ हो गई कि वीडियो तीन साल से ज्यादा पुराना है, न कि अभी का.

वीडियो के टाइटल में लिखा है कि ये हरिद्वार महाकुंभ 2021 के पहले शाही स्नान के लिए जा रहे नागा साधु हैं. खबरों के मुताबिक, 2021 के हरिद्वार महाकुंभ का पहला शाही स्नान 11 मार्च 2021 को हुआ था.
वायरल वीडियो जैसा ही एक वीडियो 11 मार्च 2021 को ‘Haridwar Live’ नाम के एक फेसबुक पेज से शेयर किया गया था जिसमें नागा साधुओं की भीड़ को निकलते देखा जा सकता है. इस वीडियो के साथ भी यही बताया गया है कि ये नागा साधु हरिद्वार की हर की पौड़ी में पहला शाही स्नान करने जा रहे हैं.
हालांकि, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के बीच साधु-संतो ने आक्रोश जाहिर किया है. हरिद्वार में महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार पर भारत सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए, और भारत के नागा साधु और संत समाज जरूरत पड़ने पर बांग्लादेश कूच के लिए भी तैयार हैं. मथुरा में साधु-संतों, स्थानीय निवासियों और हिंदूवादी संगठनों ने विरोध में पैदल मार्च भी निकाला था.