
क्या आम आदमी पार्टी 350 रुपये के एवज में दिहाड़ी मजदूरों को मौजूदा किसान आंदोलन में शामिल करवा रही है? सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिये तो कुछ लोग ऐसा ही कह रहे हैं. वीडियो में खुद को दिहाड़ी मजदूर बताते हुए कुछ लोग कह रहे हैं कि वे 350 रुपये की दिहाड़ी के वादे पर रैली में शामिल हुए थे, पर अब उन्हें ये रुपये देने में भी आनाकानी की जा रही है. वीडियो में दिख रहे कई लोगों ने आम आदमी पार्टी के नाम के प्रिंट्स वाली टी-शर्ट्स पहन रखी है.
इस वीडियो के साथ एक यूजर ने कैप्शन लिखा, “आप पार्टी की जिहादी मानसिकता... ग्राउंड रिपोर्ट देखिए और समझिए किसान आंदोलन की सच्चाई क्या हैं.”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल वीडियो साल 2018 का है जब आम आदमी पार्टी पर मजदूरों को पैसे देकर उन्हें अपनी एक रैली में शामिल करवाने का आरोप लगा था. तब पार्टी ने इस आरोप का खंडन किया था.
फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह बड़ी संख्या में लोग इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं. ऐसी ही एक पोस्ट के नीचे कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, “लो कर लो बात, मोदीजी से टक्कर लेंगे किराए के लोगों के सहारे!”
क्या है सच्चाई
वायरल वीडियो में किसी ने भी मास्क नहीं पहना है, जिससे लगता है कि ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है. कीवर्ड सर्च की मदद से वायरल वीडियो को सर्च करने पर हमने पाया कि दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने ये वीडियो 26 मार्च 2018 को ट्विटर पर शेयर किया था. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन लिखा था, “केजरीवाल की हरियाणा रैली रैली खत्म-पैसा हज़म”.
केजरीवाल की हरियाणा रैली
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 26, 2018
रैली खत्म - पैसा हज़म pic.twitter.com/gOEqU8x33N
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. हमने पाया कि वायरल वीडियो जिस रैली से जुड़ा है, वो मार्च 2018 में हरियाणा के हिसार में हुई थी. रैली से जुड़े इस विवादित वीडियो के बारे में ‘आज तक’ ने 26 मार्च 2018 को खबर भी छापी थी.
आम आदमी पार्टी ने उस वक्त इस आरोप का खंडन किया था. पार्टी की सोशल मीडिया टीम कार्यकर्ता आरती ने एक वीडियो जारी किया था.
Here is the TRUTH 👉🏼 about another Fake Allegation that AAP paid ₹350 to get crowd for @ArvindKejriwal 's Rally in Haryana.
— Aarti (@aartic02) March 29, 2018
▶️ This man was threatned to give a false statement else he would lose his job. pic.twitter.com/bJT09qsOHf
हम इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि 2018 में आम आदमी पार्टी पर पैसे देकर रैली में मजदूर बुलाने के आरोप की सच्चाई क्या थी, लेकिन ये स्पष्ट है कि इस वीडियो का मौजूदा किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.