40 साल कोई उम्र होती क्या इस संसार से रुखसत होने की, सिद्धार्थ के चाहने वाले हर किसी की जुबान पर आज यही बात है. ऐसे में उसका दर्द समझने की कोशिश कीजिए जो सिद्धार्थ की सबसे करीबी थी- शाहनाज गिल, जो की सिद्धार्थ की सबसे करीबी दोस्त है. आंखों में समंदर उतर आया जब शहनाज अपने करीबी दोस्त सिद्धार्थ को विदा करने पहुंचीं. ओशिवारा श्मशान गृह के बाहर हर आंखें उदास थीं. हर मन भारी था, शाहनाज को जिसने भी इस हाल में देखा गम से दिल और भारी हो गया. सिडनाज़, जी हां लोग यही कहने लगे थे, सिद्धार्थ शुक्ला और शहनाज़ गिल की जोड़ी को लेकर. अब केवल नाज़ रह गईं क्योंकि सिड ने तो दुनिया अलविदा कह दिया है. देखें ये एपिसोड.