लेजेंडरी कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव अब हमारे बीच नहीं रहे. अस्पताल में कई दिनों से जिंदगी की जंग लड़ रहे राजू श्रीवास्तव का अचानक अलविदा कह जाना उनके फैंस और चाहने वालों के लिए बड़ा सदमा है. राजू श्रीवास्तव के पड़ोसी, स्थानीय लोग कॉमेडियन को याद कर रहे हैं. राजू के कानपुर के पड़ोसियों ने उनके व्यक्तित्व और घर को लेकर कई बातें साझा कीं .
जब राजू के पिता को बेचना पड़ा था घर
लोकल्स ने बताया कैसे राजू अपने सिद्धांतों से जुड़े हुए थे. एक वक्त था जब राजू के पिता आर्थिक तंगी झेल रहे थे. बेटी की शादी के पैसे अरेंज करने के लिए उन्हें अपना घर बेचना पड़ा था. पर राजू का अपने घर से काफी जुड़ाव था. ये वही घर था जहां उनका बचपन बीता था. इस घर की वैल्यू क्या है वो राजू बेहतर जानते थे. तभी तो उन्होंने इस घर को 10 गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा था.
राजू श्रीवास्तव ने 10 गुना ज्यादा कीमत में खरीद था घर
कानपुर के स्थानीय लोगों ने बताया कि ये घर 3 लाख में बिका था. जब राजू श्रीवास्तव अपनी जिंदगी में सफल मुकाम पर पहुंचे तब राजू ने ये घर खरीदा. राजू श्रीवास्वत ने इसी घर को 28-30 लाख में खरीदा और यही रहने लगे. राजू श्रीवास्तव 2.5 महीने पहले ही फैमिली फंक्शन के लिए यहां आए थे. इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों की पैसे देकर मदद भी की थी. वे लोगों के लिए मिठाइयां लाते थे, गरीबों को पैसे देते थे. एक शख्स ने बताया कि एक बार उनके घर में आग लग गई थी तब राजू ने ही उनकी मदद की थी. राजू श्रीवास्तव के जुड़ी ऐसी कई यादें हैं जो अब बस यादें बनकर ही रह गई हैं.
राजू श्रीवास्तव का अंतिम संस्कार बुधवार को दिल्ली में होगा. मगर राजू श्रीवास्तव के कानपुर के पड़ोसी चाहते थे कि अंतिम संस्कार वहां हो, ताकि वे भी कॉमेडियन के अंतिम दर्शन कर पाए.
साथी कलाकार ने किया राजू को याद
राजू को उनके साथी कलाकार महबूब ने भी याद किया है. महबूब कानपुर के कार्यक्रमों में राजू श्रीवास्तव के साथ स्टेज शेयर किया करते थे. देश के कई कार्यक्रमों में भी स्टेज शेयर किया था. मुंबई में राजू श्रीवास्तव के घर से मुश्किल से 200 मीटर की दूरी पर रहते हैं. महबूब ने कहा- वो हम कलाकारों के भगवान थे, पूरी दुनिया में कानपूर को मशहूर किया. कोविड काल में फोन कर-कर के पूछा कि महबूब देखना कोई कलाकार भूखा न सोने पाए.
महबूब ने राजू श्रीवास्तव की याद में गाना गाया- मेरी जिंदगी सवारी राजू तेरी यारी को मैंने तो खुदा माना... याद करेगी दुनिया... राजू तेरा अफसाना. राजू श्रीवास्तव से जुड़ा किस्सा बताते हुए महबूब ने आगे कहा कि राजू भाई को मेरे बड़े भाई के हाथ का खाना बहुत पसंद था, वो अक्सर फोन करके उनको बोलते थे कि सोहेल भाई आज कुछ बनाइए मैं खाना खाने आ रहा हूं.
राजू श्रीवास्तव से जुड़ी ये यादें उनके करीबियों का आंखें नम कर रही हैं. RIP राजू श्रीवास्तव.