पाकिस्तान के बेहतरीन एक्टर्स में शुमार सैयद कमल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. वे ना केवल एक्टर थे बल्कि प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी थे. सैयद कमल का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में 1937 में हुआ था. उनका चेहरा राज कपूर से काफी मिलता था और उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं थी. उन्होंने एक बार कहा था कि जब वे मुंबई गए थे तो कई लोग उनके पास आते और पूछते कि क्या वे राजकपूर हैं. सैयद इस अटेंशन को काफी इंजॉय करते थे.
उन्होंने भारत की चार फिल्मों में काम किया था. इसके बाद वे 1956 में पाकिस्तान चले गए थे. कमल 60 के दशक में पाकिस्तानी फिल्मों के अहम हिस्सा हो चुके थे और 70 के दशक आते-आते वे पाकिस्तान में सुपरस्टार का दर्जा हासिल कर चुके थे. उन्हें पाकिस्तान का राजकपूर भी कहा जाता था क्योंकि उनका चेहरा राज कपूर से काफी मिलता जुलता था.
कमल ने कई यादगार फिल्मों में काम किया जिनमे तौबा, ठंडी सड़क, सवेरा, अपना पराया, इंसान और गधा, बहन भाई, ऐसा भी होता है और आशियाना जैसी फिल्में शामिल हैं. उन्होंने कई फिल्मों को डायरेक्ट भी किया. इनमें शहनाई, यहां से वहां तक, दूसरी मान, दर्द ए दिल और आलिया जैसी फिल्में शामिल हैं. उस दौर में कई सिनेमाघरों को खत्म कर दिया गया था और उनकी जगह मॉल्स को बना दिया गया था. एक ऐसी स्थिति में जब लोग उर्दू फिल्में बनाने से कतरा रहे थे, सैयद कमल ने एक बेहद बहादुरी भरा कदम उठाया और यहां से वहां तक जैसी फिल्म को प्रोड्यूस किया. ये फिल्म एक इंग्लिश उपन्यास पर आधारित थी. इस फिल्म में वहीद मुराद, मुमताज और कमल ने काम किया था.साल 2009 में उनका निधन हो गया था और इसके साथ ही पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री में एक युग का अंत हुआ था.