भारतीय टेलीविजन के इतिहास में जबरदस्त टीआरपी देने का रिकॉर्ड बना चुके धारावाहिक रामायण के बेहिसाब किस्से हैं. पर्दे के आगे की कहानियों के अलावा पर्दे के पीछे की की भी ढेरों कहानियां हैं. ये कहानियां न सिर्फ काफी दिलचस्प हैं बल्कि हमें ये भी अहसास कराती हैं कि उस दौर में चीजें किस तरह हुआ करती थीं. रामानंद सागर की रामायण ने कलाकारों को इतनी ज्यादा पॉपुलैरिटी दी कि लोग उन्हें भगवान की तरह पूजने लग गए.
शो में राम, लक्ष्मण और सीता का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, सुनील लहरी और दीपिका चिखलिया खुद कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि जब वह गावों और कस्बों में जाया करते थे तो लोग किस तरह उनके पैर पकड़ लेते थे. जाहिर है कि पॉपुलैरिटी के इस लेवल की तुलना किसी अन्य चीज से नहीं की जा सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस दौर में इन कलाकारों को जीतोड़ मेहनत करने के लिए कितने पैसे मिला करते थे? आज तक के साथ खास बातचीत में सुनील लहरी ने ये राज खोला.
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Myself and Deepika ji in one of the the serial before Ramayan
रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने बताया, "बस इतना कहूंगा कि पीनट्स मिलते थे. तब इतना खर्चा भी नहीं था आज के जमाने की तरह." सुनील ने सीधे तौर पर नंबर्स तो नहीं बताए कि उन्हें कितने रुपये मिला करते थे लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि फीस बहुत कम हुआ करती थी. सुनील ने अपनी बात में ये भी जोड़ा कि उन दिनों खर्चे बहुत ज्यादा नहीं हुआ करते थे. बता दें कि रामायण सीरियल की शूटिंग 1987 में हुई थी.
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पूरा शो करके भी नहीं बना सकते थे घर
सुनील ने बताया, "हालांकि आज आज कोई एक्टर एक शो करके घर बना सकता है. लेकिन तब हम पूरी रामायण करके भी घर बनाने की नहीं सोच सकते थे. आज की तरह पहले लाइफ को सिक्योर रखने जैसी सोच भी नहीं थी. आज समय नई सोच से आगे बढ़ रहा है." जिस तेजी से मनोरंजन जगत लगातार आगे बढ़ रहा है उसकी सुनील लहरी ने तारीफ की. बता दें कि रामानंद सागर की रामायण को दूरदर्शन लॉकडाउन के दौरान पुनः प्रसारित कर रहा है और दर्शक इसका खूब आनंद उठा रहे हैं.