लॉकडाउन के बीच दूरदर्शन पर शुरू हुई रामानंद सागर की रामायण ने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है. दूरदर्शन पर इस शो को रिकॉर्ड टीआरपी मिली है. अब रामायण का स्टार प्लस पर भी प्रसारण शुरू कर दिया गया है और दर्शक अभी भी इसे खूब पसंद कर रहे हैं.
बता दें कि बुधवार को रामायण में दिखाया गया है राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न गुरु वशिष्ठ से शिक्षा प्राप्त कर वापस अयोध्या आ जाते हैं. शिक्षा के आखिरी दिन गुरु वशिष्ठ सभी से गुरु दक्षिणा में धर्म का पालन करने की बात कहते हैं. वो सभी से धर्म के आर्दश को स्थापित करने के लिए कहते हैं. इसके बाद श्री राम विनम्रतापूर्वक गुरुदेव के चरण स्पर्श करते हैं और उनके द्वारा की गई किसी भी भूल के लिए माफी मांगते हैं.
भाइयों सहित अयोध्या लौटे श्रीराम
जब अयोध्या में महारानी कौशल्या को ये जानकारी मिलती है, वो तुरंत सभी राजकुमारों के लिए वस्त्र भिजवाती हैं और धूम धाम से उनके स्वागत की तैयारी करती हैं. चारों भाइयों के अयोध्या नगरी में आते ही ढोल नगाड़े बजने लगते हैं, पुष्प वर्षा की जाती है और पूरे नगर में खुशी की लहर दौड़ जाती है. अपने पुत्रों को इतने लंबे समय बाद देख सभी माताएं भी भावुक नजर आती हैं और उन्हें गले से लगा लेती हैं. इसके बाद सभी राजकुमार, राजा दशरथ और माताओं के साथ भोजन करते हैं और एक खुशी का वातावरण देखने को मिलता है.
बाद में राजा दशरथ भी सोते हुए श्रीराम को देख भावुक हो जाते हैं और महारानी कौशल्या से कहते हैं कि उन्हें राम को देखे बिना नींद नहीं आती.
असुरों से परेशान साधु-संत
इसके बाद दिखाया जाता है कि विश्वामित्र और कुछ दूसरे साधु-संत हवन कर रहे होते हैं, लेकिन तभी राक्षसराज रावण के असुर हमला कर देते हैं. वो साधुओं के हवन को पूरा नहीं होने देते और अग्नि में जानवर की हड्डियां फेंक देते हैं. ये देख साधु-संत काफी परेशान हो जाते हैं और विश्वामित्र संग राजा दशरथ का रुख करते हैं. वो अयोध्या में राजा दशरथ को अपनी व्यथा सुनाते हैं और राम को उनके साथ भेजने की बात कहते हैं. विश्वामित्र मांग करते हैं कि सिर्फ राम ही इन असुरों का विनाश कर सकते हैं. लेकिन ऋषियों की ये बात सुन दशरथ परेशान हो जाते हैं और राम की जगह खुद वहां जाने की बात कहते हैं. लेकिन सभी ऋषि सिर्फ श्री राम को ही अपने साथ लेजाना चाहते हैं. इसके बाद ऋषि मुनियों की बात का आदर करते हुए राजा दशरथ राम को उनकी सेवा के लिए भेज देते हैं.
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Mahabharat 6 May Update: हस्तिनापुर में राजगद्दी का खेल, कैसे हुआ युधिष्ठिर-भीम और अर्जुन का जन्म?श्रीराम ने किया ताड़का वध
इसके बाद श्रीराम और लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ चल देते हैं. वहां उन्हें पता चलता है कि ताड़का एक मायवी राक्षस नी है जो मन मुताबिक अपना रूप बदल सकती है. जब ताड़का श्रीराम के सामने आती है, वो उन्हें डराने की कोशिश करती है. लेकिन श्री राम अपने एक बाण से ताड़का को शक्तिहीन कर देते हैं और उस मायवी राक्षस नी का वध हो जाता है. विश्वामित्र ये देख अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं राम को कई दिव्य अस्त्र प्रदान करते हैं. विश्वामित्र बताते हैं कि इन अस्त्रों के जरिए श्री राम हर राक्षस का अंत कर सकेंगे.
फिर विश्वामित्र सभी साधु संतो संग अपना महायज्ञ शुरू करते हैं. इस बीच जब भी कोई असुर यज्ञ में बाधा बनने की कोशिश करता है, श्रीराम उनका अंत करते रहते हैं. इस तरह से श्रीराम ने साधु-संतों को असुरों के आतंक से मुक्ति दिलवाई.