ओटीटी प्लेटफॉर्म एपिक ऑन पर हाल ही में स्ट्रीम हुई वेब सीरीज ‘ब्लू टिक’ सोशल मीडिया पर शोहरत की चाहत और उसके साइड इफेक्ट्स को बखूबी बयां करने वाले आज के युवा लड़के-लड़कियों की कहानी है.
वेब सीरीज की पूरी कहानी उस लड़की के इर्द गिर्द घूम रही है जो बस एक ‘ब्लू टिक’ पाने की चाहत में हर हद पार करने के लिए तैयार रहती है. अपना सबकुछ दांव पर लगाकर आखिरकार वो ब्लू टिक हासिल भी कर लेती है लेकिन आखिर में मंजिल पर आकर उसे एहसास होता है कि ये वो मुकाम तो नहीं जिसके लिए उसने सफर शुरू किया था.
ब्लू टिक का ये पूरा सफर काफी दिलचस्प है और इस सफर में कई अहम मोड़ आते हैं. ब्यूटी प्रोडक्ट बेचनेवाली एक कंपनी आती है जो इंफ्लूएंसर के चमकते चेहरों के पीछे अपना काला धंधा करती है. दोस्ती-यारी की एक दास्तां आती है जो कांटों भरे रास्ते में एक दूसरे को संभालती है लेकिन कामयाबी के रास्ते पर आकर वो दोस्ती दम तोड़ देती है.
आपको इसमें बाप-बेटी का उतार चढ़ाव भरा एक रिश्ता देखने को मिलेगा जो आपको को कभी गुदगुदाएगा तो, कभी रुला देता है. इसमें आपको सोशल मीडिया के ‘ब्लू टिक धारियों’ का अहंकार भी देखने को मिलेगा जो किसी दूसरे को ब्लू टिक पाते देखकर परेशान हो उठते हैं.
ब्लू टिक की पूरी कहानी असल जिंदगी के छोटे मोटे वाकयों से गुंथी गई है. वेब सीरीज के सारे किरदार भी आज के समाज का चेहरा हैं जिसमें हर दूसरा शख्स अपना या अपने पड़ोसी का अक्श देख सकता है. कुछ सालों पहले खुर्खियों में छाए दो वाकयों की पूरी झलक आप इस वेब सीरीज में देख सकते हैं लेकिन इसका क्लाइमेक्स खासा दिलचस्प है.
शुभम सिंह ने किया है निर्देशन
इस वेब सीरीज का निर्देशन शुभम सिंह ने किया है जबकि इसकी पटकथा और डायलॉग शशिकांत मिश्रा, अनंत गौड़ और तरुण राजपूत ने लिखे हैं. ब्लू टिक की कहानी किस्सागोई के अंदाज में बुनी गई है जिसकी दास्तां में जरूरत के मुताबिक उतार-चढ़ाव और ठहराव है.
कुछ जगहों पर भटकाव भी दिखा है लेकिन पटकथा लेखक तरूण राजपूत उसका बचाव करते हैं. 'ब्लू टिक की कहानी आज के यंग जेनरेशन की कहानी है और आज के यंग जेनरेशन की लाइफ में सबकुछ व्यवस्थित नहीं होता है. उनकी जिंदगी में सुबह के बाद शाम हो सकती है, रात हो सकती है और सीधे अगली सुबह भी. ब्लू टिक की कहानी को इसी नजर और नजरिए से देखी जानी चाहिए.' वेब सीरीज के छोटे और चुटीले संवाद कहानी की गति को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं.

ब्लू टिक वेब सीरीज की सबसे अच्छी बात ये है कि तमाम दूसरे वेबसीरीज की जगह इसमें कहीं भी गाली, गोली या गलीजपन नहीं दिखाया गया है. नृत्य-गीत और संगीत भी सुकून पहुंचानेवाले हैं. इस वेब सीरीज का मैसेज भी सिर के ऊपर से गुजरने की बजाय सीधे दर्शकों के दिल में उतर रहा है.
पारूल गुलाटी के इर्द गिर्द घूमती है पूरी कहानी
सीरीज में अपने अभिनय से पारूल गुलाटी ने भी सबका दिल जीत लिया है. वेब सीरीज की पूरी कहानी उसी के इर्द गिर्द घूम रही है जिसे पारूल ने अपने दमदार अभिनय से बखूबी संभाला है. सिद्धार्थ निगम का काम भी काबिले-तारीफ है. कुछ कलाकारों से और अच्छा काम लिया जा सकता था या फिर हो सकता है कि उनके किरदार का असली रंग ब्लू टिक के अगले भाग के लिए बचाकर रखा गया हो.