सैफ अली खान आज से समय में बॉलीवुड के स्टार एक्टर में से एक हैं. उनकी फिल्में देखने के लिए कई लोग एक्साइटेड रहते हैं. उन्हें क्रिटिक्स द्वारा भी काफी पसंद किया जाता है. सैफ ने अपने 30 साल के करियर में कई बड़ी हिट्स दी हैं. लेकिन एक्टर का ये सफर शुरुआत से उतना आसान नहीं रहा जितनी किसी ने उम्मीद की थी.
शुरुआती एक्टिंग करियर में सैफ ने झेली कैसी परेशानियां?
सैफ अली खान एक ऐसे परिवार से आते हैं जहां उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर थे. वहीं उनकी मां शर्मिला टैगोर अपने जमाने की टॉप एक्ट्रेस थीं. सैफ के लिए इंडस्ट्री की राह आसान थी, लेकिन उनका करियर आसानी से नहीं उठा. उन्होंने काफी मेहनत की. हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने बॉलीवुड में अपने शुरुआती दिनों को याद किया जब उन्हें लीड रोल फिल्में नहीं मिलती थीं.
सैफ ने कहा, 'मैंने अपने करियर में सेकेंड लीड, थर्ड लीड रोल किए. कुछ फिल्में अच्छी थीं, जिनसे मैं चलता रहा. लेकिन फिर एक समय ऐसा आया जब एक के बाद एक फिल्में बहुत बुरी फ्लॉप होती गईं.' सैफ ने आगे बताया कि एक वक्त उन्हें एक फीमेल प्रोड्यूसर हफ्ते के 1000 रुपये देती थीं. लेकिन उसके बदले में वो उनसे उनके गाल पर दस बार किस करने की भी डिमांड करती थीं.
कैसे बदला सैफ का करियर?
सैफ आगे कहते हैं कि 90s का दशक उनके करियर के लिए किसी प्रैक्टिस सेशन जैसा था जिसमें वो काफी कुछ सीख रहे थे. सैफ ने कहा, 'लोग कहते थे कि तुम लकी हो कि तुम्हें इतने मौके मिले. लेकिन ऐसा नहीं था कि मुझे इंडस्ट्री की सबसे अच्छी फिल्में मिल रही थीं और मैं मेन लीड रोल में था.'
सैफ का करियर साल 2001 में आई फिल्म 'दिल चाहता है' से बदला. इसके बाद उनका करियर काफी आगे बढ़ा. सैफ को अपने करियर का पहला और एकलौता एक्टिंग नेशनल अवॉर्ड भी साल 2004 में आई फिल्म 'हम तुम' के लिए मिला. उन्होंने इसके बाद साल 2006 में फिल्म 'ओमकारा' से भी क्रिटिक्स के बीच अपनी जगह बनाई.
बात करें सैफ अली खान के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की, तो वो जल्द अक्षय कुमार संग फिल्म 'हैवान' में नजर आएंगे जिसे प्रियदर्शन डायरेक्ट कर रहे हैं. इसके अलावा वो 'रेस' फ्रेंचाइजी की चौथी फिल्म में भी होंगे.