'लुटेरा' रणवीर सिंह के करियर की वो शुरुआती फिल्म थी, जिसने उनके एक्टिंग टैलेंट को बड़े पर्दे पर दमदार तरीके से पेश किया. डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवाने की ये फिल्म रिलीज के वक्त तो हिट नहीं हुई, मगर बाद में इसकी एक अलग कल्ट फॉलोइंग बन गई.
अब मोटवाने ने बताया है कि इस फिल्म का शूट कितना मुश्किल था. एक वक्त तो ऐसा आ गया था, जब उनका सेट तबाह हो गया था और फिल्म के हीरो रणवीर सिंह को हेलिकॉप्टर के जरिए वहां से वापस निकाला गया था, क्योंकि उनकी बैक में बहुत बुरी तरह इंजरी हो गई थी.
असली बर्फ में शूट करने के चक्कर में हुई मुश्किल
द कमेंट सेक्शन यूट्यूब चैनल के साथ पॉडकास्ट में डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवाने ने बताया कि वो डलहौजी में असली बर्फ के बीच 'लुटेरा' शूट करना चाहते थे ताकि फिल्म ऑथेंटिक लगे और कंप्यूटर ग्राफिक्स का कम से कम यूज करना पड़े. लेकिन मौसम ने ऐसी गड़बड़ की कि उनका प्लान चौपट हो गया.
उन्होंने बताया, 'हम दिसंबर में डलहौजी में शूट करना चाहते थे... मुझे ऐसा करने से रोका जा रहा था, लेकिन मैं चाहता था कि एक्टर्स को सच में ठंड महसूस हो और उनके मुंह से धुआं निकलता हुआ दिखे. मुझे लगा ये स्क्रीन पर बहुत सही लगेगा; डायरेक्टर्स ऐसा अक्सर सोचते हैं...'
मोटवाने ने बताया कि जब क्रू शूट करने पहुंचा तो लोकेशन पर बर्फ ही नहीं थी. फाइनली जनवरी में कुछ दिन बीतने के बाद बर्फ पड़ी और फिर वो रुक ही नहीं रही थी. मोटवाने ने बताया, 'ये उस इलाके में 40 साल की सबसे ज्यादा बर्फ़बारी थी. इतनी बर्फ पड़ी कि हमारा सेट तबाह हो गया. हम डलहौजी में फंस गए क्योंकि बर्फ इतनी पड़ चुकी थी.'
दूसरी बार शूट में रणवीर की हालत हुई खराब
'लुटेरा' की टीम डलहौजी छोड़कर कोलकाता वाले पोर्शन निपटाने चल दी और मार्च में वापस गई. डलहौजी के लिए निकलने से एक दिन पहले रणवीर सिंह ने मोटवाने को बताया कि जिम में उनकी बैक में इंजरी हो गई है और उन्हें दिक्कत हो रही है.' वो शूट के लिए चले तो गए, लेकिन दो दिन के अन्दर ही उनकी दिक्कत बहुत बढ़ गई. मोटवाने ने बताया, 'रणवीर को एहसास नहीं हुआ लेकिन ये तब हुआ जब हम वो सीन शूट कर रहे थे जिसमें उनके साइड में गोली लगती है.'
बता दें, रणवीर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस सीन में, गोली लगने का दर्द रियल में महसूस करने के लिए उन्होंने अपनी हिप के पास क्लिप्स लगा ली थीं. वो शूट के समय इन क्लिप्स को दबाते थे तो उन्हें रियल दर्द महसूस होता था.
मोटवाने ने कहा, 'उन्हें क्लिप से इतना दर्द महसूस हो रहा था, कि उन्हें अपनी बैक में हो रही अकड़न का पता ही नहीं चला. रणवीर किसी काम के नहीं बचे थे. हमें चॉपर से उन्हें बाहर लाना पड़ा.'
तीसरी बार भी शूट करने पहुंचे मोटवाने
मगर दो बार नाकाम होने के बाद भी मोटवाने नहीं माने और तीसरी बार मई में, भरी गर्मी में सर्दी के सीन शूट करने डलहौजी गए. उन्होंने हंसते हुए बताया, 'घास इतनी हरी थी कि जमीन पर कीड़े ही कीड़े थे.'
मोटवाने ने बताया कि आखिरकार उन्हें इंग्लैंड से, स्नो-मशीन के साथ एक आदमी बुलाना पड़ा था ताकि बर्फ पड़ने का इफेक्ट क्रिएट हो सके. और आखिरकार इस सीन को कंप्यूटर ग्राफिक्स से टच-अप देना ही पड़ा!