scorecardresearch
 

'फिल्म के बहाने मजे...', छोटी उम्र की एक्ट्रेस के साथ काम करने पर बोले एक्टर माधवन

एक इंटरव्यू में एक्टर आर माधवन ने कहा कि फिल्मों के चुनाव में भी अपनी उम्र का ध्यान रखना चाहिए. कई बार लोग सोचने लगते हैं कि मूवी के बहाने अपने से छोटी उम्र की एक्ट्रेस के साथ ऐश कर रहा है. 

Advertisement
X
अपनी उम्र पर बोले क्या आर माधवन? (Photo:YT/Netflix India)
अपनी उम्र पर बोले क्या आर माधवन? (Photo:YT/Netflix India)

बॉलीवुड एक्टर आर माधवन हाल ही में फिल्म 'आप जैसा कोई' में नजर आए थे. उन्होंने 40 साल के ऐसे व्यक्ति का रोल प्ले किया था, जो अपने लिए एक पार्टनर ढूंढने की कोशिश कर रहा है. इस फिल्म में पुरुषों से जुड़ी इनसिक्योरिटी पर बात की गई है. एक इंटरव्यू में एक्टर ने कहा कि फिल्मों के चुनाव में भी अपनी उम्र का ध्यान रखना चाहिए. कई बार लोग सोचने लगते हैं कि मूवी के बहाने अपने से छोटी उम्र की एक्ट्रेस के साथ ऐश कर रहा है. 

बता दें कि फिल्म 'आप जैसा कोई' में 55 वर्षीय एक्टर आर माधवन के साथ एक्ट्रेस फातिमा सना शेख दिखाई दी थीं. जो अभी 33 वर्ष की हैं. इसी फिल्म को लेकर एक्टर ने बड़ी बात कही है. हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बात करते हुए एक्टर माधवन ने कहा, 'पहली बार आपको अपनी उम्र का एहसास तब होता है जब आपके बच्चों के दोस्त आपको अंकल कहने लगते हैं. यह आपको चौंका देता है, लेकिन फिर आपको इसे एक्सेप्ट करना पड़ता है.'

छोटी उम्र की एक्ट्रेस को लेकर एक्टर ने क्या कहा?
एक्टर आर माधवन ने कहा, 'बढ़ती उम्र उनके काम के चुनाव को भी प्रभावित करती है. जब आप फिल्में कर रहे होते हैं, तो आपको एहसास होता है कि आपको एक्ट्रेस के चुनाव में सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि भले ही वे अभी भी आपके साथ काम करना चाहती हों, लेकिन ऐसा लगता है कि एक्टर फिल्म के बहाने मजे कर रहा है. लोगों को लगता है कि ये फिल्म के बहाने ऐश कर रहा है. अगर किसी फिल्म से यही एहसास निकल रहा है, तो उस किरदार के लिए सम्मान नहीं रहता.'

Advertisement

एक्टर ने आगे कहा, 'मुझे यह भी एहसास हुआ कि मेरे शरीर में वैसी ताकत नहीं रह गई जैसी 22 साल की उम्र में होती है. इसलिए उम्र के के इस पढ़ाव में मैं कैसे लोगों के साथ काम कर रहा हूं, यह ध्यान रखना जरूरी है ताकि ये अजीब ना लगे.'

मैरिज लाइफ पर क्या बोले माधवन?
अपनी मैरिज लाइफ पर बात करते हुए आर माधवन ने कहा,  'मेरे माता-पिता का रिश्ता भी वैसा ही था, जैसा एक-दूसरे से उतना ही और गहराई से प्यार करते थे और मुझे लगता है कि मैं अपनी पत्नी के साथ भी वैसा ही महसूस करता हूं. लेकिन मेरे पिता के रिश्ते में जो समानता का भाव था, वह उस समानता के भाव से बहुत अलग है जो मुझे अभी महसूस हो रहा है. हमें यह परिभाषित करना होगा कि उस समानता का क्या मतलब है.'

एक्टर ने कहा, 'मेरे माता-पिता दोनों काम करते थे, लेकिन एक हेरारकी थी. कुछ विभागों में किसी की बात ज्यादा होती थी और कुछ में दूसरे की, और वहां यह तय किया गया कि समानता का यही मतलब है. समानता की यह परिभाषा समय के साथ लगातार बदल रही है, और मुझे लगता है कि पुरुष इसे समझने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी कंडीशनिंग तोड़नी होगी और इस नई सच्चाई को समझना होगा कि महिलाएं कैसा व्यवहार चाहती हैं और उन्हें कैसा व्यवहार करना चाहिए.'

Advertisement

एक्टर ने उदाहरण देते हुए कहा, 'कभी-कभी दरवाजा खोलना या किसी महिला के लिए दरवाजा पकड़ना कुछ लोगों को बुरा लग सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आदमी कुछ गलत करना चाहता है, वो तो बस अपने तौर-तरीके निभा रहा होता है. हमारी पितृसत्तात्मक सोच वाली समाज में, अगर कोई पति अपनी पत्नी को काम करने देता है तो उसे बड़ा दिल वाला माना जाता है, लेकिन सही तरीका ये है कि वो कहें, 'मुझे गर्व है कि मेरी पत्नी काम कर रही है. बजाय इसके कि वे कहें 'मैं बहुत खुश हूं, मैं उसे काम करने दे रहा हूं'.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement