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दोस्त के कहने पर मुंबई आए थे पंकज त्रिपाठी, आज आराम करने की नहीं फुर्सत

पंकज ने कहा, "मैं आपको सच बताऊं तो मेरे काम में कोई फर्क नहीं आया है, मैं पहले भी अच्छा काम करता था और मैं आज भी अच्छा काम करता हूं. फर्क सिर्फ इतना है कि मेरा समय नहीं चल रहा था और अभी मेरा समय चल रहा है."

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पंकज त्रिपाठी
पंकज त्रिपाठी

पंकज त्रिपाठी फिल्म इंडस्ट्री का वो चमकता सितारा हैं जो आज अपनी सफलता की ऊंचाई पर बैठे हैं, कोरोना काल में जहां ढेर सारे एक्टर और एक्ट्रेस के पास काम नहीं है वहीं पंकज के पास आराम करने का भी समय नहीं है. पिछले कुछ समय से हफ्ते, दो हफ्ते में पंकज त्रिपाठी की कोई न कोई वेब सीरीज या फिल्में रिलीज होती ही जा रही हैं.

उनकी इस सफलता को लेकर जब हमने पंकज त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बहुत की सहज भाव से इसका जवाब दिया. पंकज ने कहा, "मैं आपको सच बताऊं तो मेरे काम में कोई फर्क नहीं आया है, मैं पहले भी अच्छा काम करता था और मैं आज भी अच्छा काम करता हूं. फर्क सिर्फ इतना है कि मेरा समय नहीं चल रहा था और अभी मेरा समय चल रहा है. जिसकी वजह से अब मेरे काम को पहचान मिल रही हैं और दर्शकों का ढेर सारा प्यार मिल रहा है."

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पंकज त्रिपाठी ने कहा, "मैं अपना गांव छोड़कर 16 अक्टूबर 2004 को मुंबई एक्टर बनने आया था. मेरे बहुत ही करीबी दोस्त हैं भानु उदय, जो एक फेमस एक्टर भी हैं. हमनें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में साथ में एक्टिंग सीखी हैं, उनके बार-बार कहने पर मैं अपनी पत्नी के साथ मुंबई आया था. उनके घर पर 2 महीने रहा भी था, मैं एक लाइन में कहूं कि मेरा जीवन हमेशा आशाओं और उम्मीदों से भरा रहा है."

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पंकज त्रिपाठी ने अपने अब तक के अनुभवों और जिंदगी के सफर के बारे में कहा, "आज जब मैं अपनी कामयाबी को देखता हूं तो ये महसूस करता हूं कि ये दुनिया उतनी बुरी भी नहीं है जितनी कि हम मानते हैं."

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