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फीस कट पर बोले जूनियर आर्टिस्ट्स, घर चलाना हो रहा मुश्किल

पिछले कुछ समय से फीस कट के मुद्दे नेे इंडस्ट्री में एक नई बहस छेड़ दी है. कई बड़े आर्टिस्ट्स के फीस कट किए जाने के बावजूद उनके लिए जीवन चलाना उतना मुश्किल नहीं है, जितनी परेशान उनके सपोर्ट में खड़े आर्टिस्ट्स को झेलनी पड़ती है. ऐसे में जब हमने इन कैरेक्टर आर्टिस्ट से बात करने की, तो उनके हालात चौंका देने वाले थे.

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कैरेक्टर आर्टिस्ट
कैरेक्टर आर्टिस्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फीस कटौती कैरेक्टर आर्टिस्ट्स का हुआ बुरा हाल
  • कोई प्रोजेक्ट की आस में, तो किसी ने ठुकराई फिल्में

कोरोना के इस काल में देश को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री भी एक भारी नुकसान से गुजर रही है. कई फिल्में थियेटर रिलीज के बजाए अब डिजिटल रिलीज हो रही हैं. 

इंडस्ट्री में हो रहे नुकसान की वजह से स्टारकास्ट की फीस पर भी असर पहुंचा है. ऐसे में स्टार्स भले उतनी आर्थिक मंदी में ना हों, लेकिन उन जूनियर आर्टिस्ट्स का क्या, जिन्होंने कुछ समय पहले ही शूटिंग शुरू की है. aajtak.in से बातचीत में जूनियर आर्ट‍िस्ट ने शेयर किया अपना दर्द. 

1200 रुपये की जगह 125 रुपये 

पांच सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके जूनियर आर्टिस्ट अमजद कहते हैं, फिलहाल तो काम ही मिल जाए, वो ज्यादा जरूरी है. एक महीने में 25 दिन तक काम करने वाले हम आर्टिस्ट्स अब मुश्किल से 15 दिन भी काम नहीं कर पा रहे हैं. घटती डिमांड्स की वजह से हम सभी घरों पर रहने को मजबूर हैं. वहीं अमजद आगे कहते हैं, इन दिनों शूटिंग से पहले RTPCR टेस्ट का होना जरूरी है. बड़े स्टार्स चाहते हैं कि हम सभी जूनियर आर्टिस्ट्स अपना टेस्ट करवा लें. पहले जब टेस्ट के लिए हम जाया करते थे, तो हमें बाकयदा उस दिन का भी पैसा दिया जाता था. हमें एक दिन में बाहर सौ रुपये दिए जाते थे. अब आलम है कि 125 रुपये देकर ही हमें दे रहे हैं. 

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ठुकरा दी हैं कई प्रोजेक्ट्स

फिल्मों में साइड एक्टर रहे जावेद हैदर पिछली बार सलमान खान की फिल्म राधे द मोस्ट वांटेड में नजर आए थे. एक लंबे अरसे तक इंडस्ट्री में रहे जावेद ने अब तक दो सौ से भी ज्यादा फिल्में कर ली हैं. फीस कटौती पर जावेद कहते हैं, हालात खराब है. हम एक्टर्स की लाइफ हमेशा ऐसे ही उतार-चढ़ाव वाली रही है. इंडस्ट्री में इतनी सारी फिल्में कर मैंने अपनी एक जगह बनाई है. अब हर प्रोजेक्ट के लिए मैं कम से कम एक दिन के 15 से 20 हजार लेता हूं. अब कोरोना के बाद से मुझे ऑफर आ रहे हैं कि मैं शो के दो से तीन हजार लूं. आप ही बताएं क्या ये संभव है. दरअसल इंडस्ट्री बहुत छोटी है. अगर किसी को ये पता चल गई कि मैंने तीन हजार में काम करने को राजी हो गया, तो आगे चलकर मेरी मजबूरी का फायदा उठाया जाएगा. इसी प्रतिष्ठा में कई प्रोजेक्ट्स हाथ से छूट गए हैं. इस कोरोना में काम न मिलने की वजह से पत्नी के जेवरात तक बेचने की नौबत आ गई थी. 

अभी तो बस काम मिल जाए 

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फिल्मों में सीनियर एक्टर का छोटा-मोटा किरदार निभाने वाले  62 साल केअशोक नारायण पिछले दो सालों से बिना काम के हैं. अशोक बताते हैं, पिछले दो साल से जिंदगी भगवान के भरोसे चल रही है. आप यकीन नहीं करेंगी, कर्ज पर जिंदगी डूबती नजर आ रही है. राशन तक के लिए कर्ज लेने पड़ रहे हैं. फीस कटौती, अगर हो भी जाए, तो कोई गिला नहीं बस काम सबको मिलता रहे. मैं एक लंबे समय से काम की तलाश में हूं. 5 हजार रुपये मैं पर एपिसोड लेता हूं, अगर दो से तीन हजार भी देकर मुझे काम दे कोई, तो मैं बिना सोचे हां कह दूंगा. 

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हमारे बजाए नॉन मेंबर्स को मिल रहा मौका 

अपना नाम न बताने की शर्त पर एक जूनियर आर्टिस्ट कहते हैं, जो आर्टिस्ट असोसिएशन के मेंबर्स हैं, उनके साथ पैसे को लेकर कोई कटौती संभव नहीं है. अगर कोई ऐसा करता है, तो उनपर मुकदमा दायर की जा सकती है. ऐसे में कुछ प्रोड्यूसर्स अपना पैसा बचाने के मकसद से आउटडोर शूटिंग के लिए बसों में भरकर नॉन मेंबर आर्टिस्ट्स को लेकर जा रहे हैं और उन्हें रोजाना के 500 से 800 रुपये देकर अपना काम निकाल ले रहे हैं. क्योंकि अगर हमें ले जाते हैं, तो उन्हें कम से कम एक 1200 रुपये खर्च करने होंगे, ऐसे में उनके पास दो आर्टिस्ट्स आ जा रहे हैं. 

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