यूपी चुनाव अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है. सातवें चरण की तैयारी की जा रही है और फिर 10 मार्च को नतीजों का इंतजार है. लेकिन इस अंतिम चरण से पहले भी यूपी चुनाव और उसका विवादों से नाता कमजोर नहीं पड़ा है. अब ताजा बवाल वाराणसी में सीएम ममता बनर्जी के काफिले को रोकने को लेकर है.
सपा ने आरोप लगाया है कि जब 2 मार्च को ममता बनर्जी वाराणसी में प्रचार कर रही थीं, तब बीजेपी के कुछ लोगों ने उनके काफिले को रोकने का प्रयास किया. उनके खिलाफ नारेबाजी की गई और उन्हें नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया. अब ये मामला गंभीर इसलिए बन गया है क्योंकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने बकायदा चुनाव आयोग को इस पूरी घटना की शिकायत कर दी है.
उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि जब सीएम ममता बनर्जी वाराणसी एयरपोर्ट से दशाश्वमेध घाट की ओर जा रही थीं, तब बीच रास्ते में 50 से 60 बीजेपी समर्थकों ने उनका रास्ता रोक दिया था. उन सभी के हाथ में लाठी थी और वो उसे सीएम की गाड़ी पर लगातार मार रहे थे. सभी की तरफ से नारे लग रहे थे- जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं, ममता बनर्जी हिंदू विरोधी दूर हटाओ.
शिकायत में सपा ने इस बात पर भी जोर दिया है कि ममता बनर्जी के पास उस समय पर्याप्त सुरक्षा नहीं थी. पुलिस के जो अधिकारी खड़े भी थे, वो उस भीड़ को नहीं रोक पा रहे थे. सपा की माने तो ये एक साजिश हो सकती है जिसके जरिए सीएम को चोटिल करने का प्रयास था.
वैसे वाराणसी अभी यूपी चुनाव का केंद्र बना हुआ है. कल ही पीएम मोदी ने यहां पर एक तीन किलोमीटर लंबा मेगा रोड शो किया है और फिर काशी विश्वनाथ के भी दर्शन किए. उनके उस एक दौरे ने वहां की सियासत को गरमा दिया है और इस समय हर पार्टी वहीं पर डेरा डाले बैठी है.