उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित बलिया जिले की एक विधानसभा सीट है सिकंदरपुर विधानसभा सीट. ये इलाका गुलाब के उत्पादन और इत्र की खुशबू के लिए प्रसिद्ध है. कभी इस इलाके की बड़ी आबादी का जीवन गुलाब की खेती पर निर्भर था लेकिन समय के साथ सरकारों की उदासीनता के कारण फूलों की खुशबू का दायरा दिनों-दिन बेहद छोटा होता चला गया.
सिकंदरपुर को गुलाब की नगरी भी कहा जाता है. सिकंदरपुर इत्र कारोबार के लिए पूरी दुनिया में अपनी पहचान रखता है. यहां का इत्र विदेशों तक अपनी खुशबू बिखेरता रहा है. अब ये काम छोटे पैमाने पर हो रहा है. विदेशों में निर्यात कम होने के कारण यहां का कारोबार धीमा पड़ गया. कुछ बड़े और पुराने कारोबारी ही इस काम को करते हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
सिकंदरपुर विधानसभा सीट के राजनीतिक अतीत की बात करें तो 1991 में कांग्रेस के मार्कंडेय विधायक निर्वाचित हुए थे. 1993 में समाजवादी पार्टी (सपा) के दीनानाथ चौधरी जीते. 1996 में राजबरी और 2002 में सपा के जियाउद्दीन रिजवी विधायक निर्वाचित हुए. 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भगवान पाठक विधायक निर्वाचित हुए. 2012 में सपा के जियाउद्दीन रिजवी फिर विधानसभा पहुंचे.
2017 का जनादेश
सिकंदरपुर विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा से तब के निवर्तमान विधायक जियाउद्दीन रिजवी मैदान में थे. रिजवी के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संजय यादव और बसपा ने राजनारायण को टिकट दिया. बीजेपी के टिकट पर उतरे संजय यादव चुनावी बाजी जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. संजय यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के जियाउद्दीन रिजवी को 24 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया.
सामाजिक समीकरण
सिकंदरपुर विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के मतदाता रहते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता अच्छी तादाद में हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ ही सवर्ण मतदाता भी सिकंदरपुर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. दलित मतदाताओं की तादाद भी यहां अच्छी खासी है. सितंबर 2021 की मतदाता सूची के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में करीब तीन लाख मतदाता हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
सिकंदरपुर से विधायक बीजेपी के संजय यादव का दावा है कि उनके विधायक रहते क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है. विधायक और उनके समर्थक सड़क समेत विकास कार्य गिना रहे हैं. वहीं, विरोधी दलों के नेता विकास ठप होने का आरोप लगा रहे हैं. सपा के लोगों का आरोप है कि रिजवी के विधायक रहते शुरू हुए विकास कार्य ठप पड़ गए हैं.