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Kishni Assembly Seat: 1989 से जीतती आई है मुलायम सिंह यादव की पार्टी, इस बार क्या होगा?

किशनी विधानसभा सीट को समाजवादी पार्टी (सपा) का मजबूत गढ़ माना जाता है. इस सीट पर साल 1989 से ही मुलायम सिंह यादव की पार्टी का कब्जा चला आ रहा है.

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यूपी Assembly Election 2022 किशनी विधानसभा सीट
यूपी Assembly Election 2022 किशनी विधानसभा सीट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सपा के ब्रजेश कठेरिया हैं किशनी से विधायक
  • मैनपुरी जिले की आरक्षित सीट है किशनी

यूपी के मैनपुरी जिले की एक विधानसभा सीट है किशनी विधानसभा सीट. इस विधानसभा क्षेत्र में पांच वर्ग किलोमीटर में फैला पक्षी विहार है. प्रवासी पक्षी भी इस पक्षी विहार में आते रहते हैं. हालांकि, सैकड़ों करोड़ रुपये के बजट से बना ये पक्षी विहार देखरेख के अभाव में दुर्दशा का शिकार होता जा रहा है. इस इलाके में धान की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है. 

राजनीतिक पृष्ठभूमि

किशनी विधानसभा सीट के राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा सीट को समाजवादी पार्टी (सपा) का मजबूत गढ़ माना जाता है. इस सीट पर साल 1989 से ही मुलायम सिंह यादव की पार्टी का कब्जा चला आ रहा है. चुनावी अतीत की बात करें तो इस सीट से 1985 में कांग्रेस के राम सिंह जाटव, 1989 से 1996 तक चार दफे इस सीट से रामेश्वर दयाल वाल्मिकी विधायक रहे.

किशनी विधानसभा सीट से चरामेश्वर दयाल 1989 में जनता दल, 1991 में समाजवादी जनता पार्टी, 1993 और 1996 में सपा से विधानसभा पहुंचे थे. किशनी सुरक्षित विधानसभा सीट से साल 2002 और 2007 में सपा की संध्या कठेरिया विधानसभा पहुंचीं. 2012 में सपा ने ब्रजेश कठेरिया को टिकट दिया और ब्रजेश कठेरिया ने बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी संध्या कठेरिया को हराकर पहली दफे विधानसभा में प्रवेश किया.

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2017 का जनादेश

किशनी विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में भी सपा ने निवर्तमान विधायक ब्रजेश कठेरिया पर ही भरोसा जताया. ब्रजेश कठेरिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के सुनील कुमार जाटव को 16 हजार से अधिक वोट के अंतर से हरा दिया था. बसपा की कमलेश कुमारी को 2017 के चुनाव में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था.

सामाजिक ताना-बाना

किशनी विधानसभा सीट क्षेत्र में करीब तीन लाख मतदाता हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर सपा को यादव के साथ ही ठाकुर मतदाताओं का भी अच्छा समर्थन मिल जाता है जिससे ये सीट सपा का अभेद्य किला बनी हुई है. जातिगत आंकड़ों की बात करें तो किशनी विधानसभा क्षेत्र में ठाकुर, यादव, शाक्य के साथ ही ब्राह्मण और लोधी मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

किशनी विधानसभा क्षेत्र से सपा के विधायक ब्रजेश कठेरिया की उम्र करीब 50 साल है. ब्रजेश कठेरिया ने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था. किशनी विधानसभा क्षेत्र के शिव सिंहपुर गांव के रहने वाले ब्रजेश के पास एक करोड़ से अधिक की संपत्ति है. विधायक का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का विकास हुआ है जबकि विपक्षी दलों के नेता समस्याएं जस की तस होने की बात कह रहे हैं.

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