यूपी की कुंदरकी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, ये मुस्लिम बाहुल्य सीट है. यहां से भाजपा के ठाकुर रामवीर सिंह और समाजवादी पार्टी के हाजी रिजवान दो-दो बार आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि दोनों ही बार सपा ने जीत दर्ज की है.
कुंदरकी विधानसभा सीट पर हर बार की तरह भाजपा और सपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. साल 2012 और 2017 में भी बीजेपी के ठाकुर रामवीर और सपा के हाजी रिजवान आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं. अब वह तीसरी बार एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोकेंगे. 2012 से लगातार 2022 तक सपा ने इस विधानसभा पर अपना कब्जा जमा रखा है.
बीजेपी ने मुस्लिम प्रत्याशी क्यों नहीं उतारा?
प्रत्याशी के ऐलान से पहले चर्चा थी कि भाजपा किसी मुस्लिम नेता को कुंदरकी से उतारेगी, क्योंकि 60 % से ज्यादा आबादी मुस्लिम है, लेकिन भाजपा ने ठाकुर रामवीर सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है, क्योंकि ठाकुर रामवीर के पास भाजपा से इतर खुद का मुस्लिम वोट बैंक है और कुंदरकी में उनके कई मुस्लिम समर्थक हैं. ऐसे में अगर कोई बाहर प्रत्याशी भाजपा उतारती, तो शायद उसे मुस्लिम वोट बैंक का इतना लाभ नहीं मिलता, जितना ठाकुर रामवीर को मिलने की उम्मीद है.
कैसा है मुस्लिम वोटर्स से जुड़ाव?
ग्राउंड पर जब ठाकुर रामवीर के मुस्लिम समर्थकों से जाना कि वह उनके साथ क्यों हैं तो उन्होंने कहा कि उनका जुड़ाव ठाकुर रामवीर से बहुत पुराना है. हम उनसे पहले से ही जुड़े हुए हैं, उन्हें समर्थन भी करते हैं. ठाकुर रामवीर सिंह ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हर बिरादरी के लोग उनसे जुड़े हैं, वह कुंदरकी के हर गांव के लोगों से परिचित हैं और वह जानते है कि यहां कौन कौन सी समस्याएं हैं.
रामवीर सिंह चौथी बार लड़ेंगे चुनाव
54 वर्षीय रामवीर सिंह भाजपा की टिकट पर चौथी बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. सबसे पहले 2007 में उन्होंने देहात विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. इसके बाद 2012 और 2017 में कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जहां सपा के हाजी रिजवान से दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2012 में रामवीर सिंह को 64101 वोट मिले थे, जबकि 2017 के चुनाव में उन्हें 99740 मिले थे, लेकिन 2017 के चुनाव में मुस्लिम वोट का प्रतिशत बढ़ गया था.