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कोलकाता में आज ममता बनर्जी की मेगा रैली, TMC का दावा- सभी 42 सीटें जीतेंगे

तृणमूल कांग्रेस (TMC) रविवार को कोलकाता के प्रसिद्ध ब्रिगेड परेड मैदान में मेगा रैली के साथ लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेगी. रैली के जरिए पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी समर्थकों को एकजुट करने और चुनाव के लिए माहौल तैयार करने का काम करेंगी. पार्टी का दावा है कि रैली में छह से आठ लाख तक की भारी भीड़ हो सकती है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

तृणमूल कांग्रेस (TMC) रविवार को कोलकाता के प्रसिद्ध ब्रिगेड परेड मैदान में मेगा रैली के साथ लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेगी. एजेंसी के मुताबिक, रैली के जरिए पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी समर्थकों को एकजुट करने और चुनाव के लिए माहौल तैयार करने का काम करेंगी. पार्टी का दावा है कि रैली में छह से आठ लाख तक की भारी भीड़ हो सकती है. TMC का दावा है कि वह सभी 42 सीटें जीतेगी.

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केंद्र सरकार पर होगा फोकस
'जन गर्जन सभा' नामक इस मेगा इवेंट में एक क्रॉस रैंप सहित तीन मंच होंगे, जिसमें ममता बनर्जी और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी मुख्य वक्ता के रूप में मंच पर होंगे. रैली का मुख्य विषय केंद्र सरकार द्वारा राज्य के वित्तीय बकाया को कथित तौर पर रोके जाने को लेकर होगा. यह एक विवादास्पद मुद्दा रहा है जो पिछले दो वर्षों से राज्य की राजनीति पर हावी है. ममता को सुनने के लिए विभिन्न जिलों से लाखों समर्थकों और कई ब्लॉक-स्तरीय नेताओं के आने की उम्मीद है.

टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि हम लंबे समय के बाद ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक रैली का आयोजन कर रहे हैं. यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है. हमारी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी एक संदेश देंगी जिसे हम पश्चिम बंगाल के हर कोने में ले जाएंगे और राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे. रैली से पहले अभिषेक बनर्जी ने शनिवार शाम को व्यक्तिगत रूप से आयोजन स्थल का निरीक्षण किया. 

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2019 में TMC की सीटें कम हुईं
ब्रिगेड परेड ग्राउंड एक ऐतिहासिक स्थल है जिसे शुरू में ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान परेड ग्राउंड के रूप में स्थापित किया गया था. जनवरी 2019 की विपक्षी बैठक के बाद मैदान में TMC की यह पहली बड़ी रैली है. अपने मजबूत जमीनी स्तर के संगठन के बावजूद टीएमसी की सीटों की संख्या 2019 में 34 से घटकर 22 पर आ गई, जबकि भाजपा ने राज्य में 18 सीटें अपने नाम की.

पारंपरिक रैली व्यवस्था से हटकर तृणमूल कांग्रेस ने भाषणों के दौरान नेताओं और समर्थकों के बीच घनिष्ठ बातचीत की सुविधा के लिए रैंप का विकल्प चुना है. रैंप से जुड़े तीन मुख्य चरणों का उद्देश्य जुड़ाव बढ़ाना और जमीनी स्तर से जुड़ना है.

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