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पीएम मोदी काशी में महिला मतदाताओं से करेंगे संवाद, क्या है बीजेपी की रणनीति?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महिला मतदाताओं से संवाद करेंगे. नारी शक्ति संवाद नाम से इस कार्यक्रम के पीछे बीजेपी की रणनीति क्या है?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव के सात में से पांच चरणों का मतदान हो चुका है. यूपी में चुनाव यात्रा अब पूर्वांचल की ओर बढ़ चली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद हैं, वह भी पूर्वांचल में ही आती है. सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर भी पूर्वांचल में ही है. यूपी की रणभूमि में अहम इस इलाके में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी अब पूर्वांचल में अपने सबसे बड़े चेहरे पीएम मोदी को आगे कर दिया है.

नामांकन के बाद पीएम मोदी फिर काशी पहुंच रहे हैं. पीएम मोदी वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में महिलाओं के साथ संवाद करेंगे. पीएम मोदी लखपति दीदी, ड्रोन दीदी के साथ ही केंद्र सरकार की महिलाओं से संबंधित अन्य योजनाओं को लेकर संवाद करेंगे. पीएम का ये कार्यक्रम महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार के काम के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पीएम मोदी के महिला संवाद कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. इसे बीजेपी की ओर से बाकी बचे दो फेज में महिलाओं का वोटिंग परसेंटेज बढ़ा टर्नआउट बढ़ाने की कोशिश से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी को रिसीव करने से लेकर मंच संचालन तक, पूरी जिम्मेदारी महिला नेता ही जिम्मेदारी संभालेंगी. बीजेपी की रणनीति इस प्रयोग के जरिए महिला नेता-कार्यकर्ता को प्रोत्साहित करने के साथ ही आधी आबादी को एक संदेश देने की है. बीजेपी ने कमल लेडीज क्लब, कमल सखी जैसे अभियान चलाकर अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचने की है. इन अभियानों के जरिए बीजेपी की रणनीति महिलाओं को वोट करने के लिए प्रेरित करने की है. वाराणसी और उसके आस-पास की सीटों पर लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है.

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बीजेपी को लाभार्थी महिलाओं से उम्मीद

बीजेपी को लाभार्थी महिलाओं से उम्मीद है. इसके पीछे वजह ये है कि 2019 के लोकसभा चुनाव और यूपी के चुनाव में जाति-वर्ग से परे हटकर महिला वोटर्स के बड़े वर्ग ने बीजेपी को सपोर्ट किया था. बीजेपी उज्ज्वला योजना, हर घर नल जल, लखपति दीदी, जनधन, फ्री राशन जैसी योजनाओं को उपलब्धि के रूप में महिलाओं तक लेकर जा रही है.

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बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि पीएम मोदी के संवाद का संदेश वाराणसी सीट के साथ ही पूरे पूर्वांचल और देश के दूसरे इलाकों की महिलाओं तक भी जाएगा. बीजेपी इस आयोजन को कितनी गंभीरता से ले रही है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने वाराणसी में कैंप कर इसकी तैयारियों पर नजर रखी. इस आयोजन में प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं के साथ ही अलग-अलग योजनाओं की लाभार्थी महिलाएं भी शामिल होंगी.

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महिला वोटर्स पर बीजेपी का फोकस क्यों

महिला वोटर्स को बीजेपी का साइलेंट वोटर भी कहा जाता है. बीजेपी पिछले कुछ वर्षों में जाति-वर्ग-धर्म की भावना से ऊपर उठकर महिला वोटबैंक तैयार करने में सफल रही है. छठे चरण की वोटिंग से पहले अब बीजेपी महिलाओं के साथ पीएम मोदी का संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रही है तो उसके पीछे भी खास रणनीति है. पूर्वांचल में छठे और सातवें चरण में जिन सीटों पर वोटिंग होनी है, उन सीटों पर महिला मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है. लालगंज (सुरक्षित) सीट पर 52 फीसदी से अधिक महिला मतदाता हैं तो वहीं गाजीपुर में 48.97, जौनपुर में 48 और मछलीशहर में 47 फीसदी. आज़मगढ़ में महिला मतदाताओं की तादाद 47 फीसदी और बलिया, रॉबर्ट्सगंज में 46 फीसदी है.

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बीजेपी महिला मोर्चे के प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक का कहना है कि ‘माताओं और बहनों का प्रधानमंत्री जी पर भरोसा है और ये भरोसा 2014 और 2019 के चुनाव में लगातार बढ़ता रहा है. मातृशक्ति के लिए क़ानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण सबसे बड़ा मुद्दा है. इस पर बहुत ज़्यादा काम यूपी में हुआ है.ऐसे में महिलाएं मोदी जी का साथ देंगी और उनको प्रधानमंत्री बनाएंगी. संवाद का हमेशा असर होता है, इससे वो और बड़ी संख्या में घर से निकलकर आएंगी."

2019 में पुरुषों से अधिक महिलाओं का टर्नआउट

पिछले लोकसभा चुनाव में महिलाओं का टर्नआउट पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा था. 2019 के चुनाव में महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुक़ाबले ज्यादा वोटिंग की थी. बीजेपी 2014 के मुकाबले कहीं अधिक 300 से ज्यादा सीटें जीतकर दोबारा सत्ता में लौटी तो पार्टी ने इसके लिए महिला वोटर्स को भी श्रेय दिया था. तब लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 58.52 था तो वहीं 59.56 फीसदी महिलाओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था.

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