प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने aajtak से खास बातचीत में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर खुलकर बात की और बड़े सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. महिलाओं को राजनीति में दिए 33 प्रतिशत आरक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में यह धारणा बना दी गई है कि भारत में महिलाएं घरेलू हैं लेकिन यह सच्चाई नहीं है. एग्रीकल्चर का सेक्टर देख लीजिए. कृषि क्षेत्र में 60 प्रतिशत योगदान महिलाओं का है. पीएम मोदी ने कहा कि गांव की महिलाओं के सेल्फ ग्रुप का पहले मतलब सिर्फ पापड़ और अगरबत्ती बनाना था लेकिन मैंने उन्हें ड्रोन पायलट बनाया. फ्रीबीज के सवाल पर उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव जीतने के लिए खजाना खाली करना चाहिए?
इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने PM मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर बात की. पीएम मोदी से सवाल किया गया कि महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण एक पुरुष प्रधान राजनीतिक सिस्टम में कैसे फलीभूल होगा. इस सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक तो जी20 में आपने मेरा एक काम देखा होगा. जब मैं कहता हूं कि मेरे यहां प्रेग्नेट महिलाओं के लिए 26 हफ्ते की छुट्टी है तो वे (विकसित पश्चिमी देशों के प्रतिनिधि) मुझे ऐसे (अचंभे से) देखते हैं. उनके गले नहीं उतरता. आज दुनिया में जो कॉमर्शियल पायलट हैं, 15 प्रतिशत महिला पायलट भारत की हैं. यह कोई एक रात में तो पायलट नहीं बनी होंगी.'
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं मानता हूं कि हमें दो स्टेप आगे जाना चाहिए. एक तो हमें साइकोलॉजिकल बैरियर तोड़ना होगा. मेरे साथ 26 जनवरी को इजिप्ट के राष्ट्रपति बैठे थे. वे बोले कि मैं तो यहां वुमन एम्पावरमेंट ही देख रहा हूं. वो तो मुस्लिम देश के हैं, वे मुझे वुमन एम्पावरमेंट दिखा रहे थे. दूसरी बात है कि मैं जी20 में वुमन लेड डेवलपमेंट का विषय लाया. यह एक बहुत बड़ा साइकोलॉजिकल परिवर्तन है. आपने ध्यान दिया हो कि मेरी पार्टी की सभी पब्लिक रैली महिलाएं मैनेज कर रही हैं. उसको स्टेज पर कंडक्ट महिलाएं कर रही हैं. यह योजना का हिस्सा है, अचानक नहीं है. वर्ना उनका काम क्या रहता था? एक डिश लेकर आना, उसमें गुलदस्ता होता था. कोई पुरुष आएगा, गुलदस्ता उठाएगा और उसको देगा. ये मुझे पसंद नहीं है. '
'मैंने महिलाओं को ड्रोन पायलट बनाया'
पीएम मोदी ने कहा, 'गांव की महिलाओं के सेल्फ ग्रुप का पहले क्या मतलब होता था? पापड़ बना लो, थोड़ा साबुन बना दो, बेच दो, अगरबत्ती बना दो. मैंने उनको ड्रोन पायलट बनाया. मेरी उन महिलाओं से बात हुई है. उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी साइकिल भी नहीं चलाई थी. लेकिन आज पूरा गांव मुझे ड्रोन पायलट के रूप में जानता है.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले क्या था कि पुलिसवाला आया तो इंप्रेशन था कि सरकार आई. मैं इस साइकोलॉजी को बदलना चाहता था. मैंने कहा कि आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को सरकार यूनिफॉर्म भी देगी. इसलिए नहीं कि मुझे वोट चाहिए था. मैंने फैशन डिजाइनर बुलवाया और कहा कि मुझे एयरहोस्टेस से अच्छे कपड़े चाहिए. फिर मैंने किया कि जब भी मुख्यमंत्री या कोई मिनिस्टर जाएगा तो रिसीव करने वालों में आंगनबाड़ी और आशा वर्कर चाहिए.'
जब ओबामा ने पीएम मोदी से पूछा- 'ऑल वुमेन?'
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे याद आया कि जिस दिन ओबामा आए, उस दिन राष्ट्रपति भवन में परेड में सब महिलाएं खड़ी थीं. उनको लीड करने वाली भी महिला थी. ओबामा ने कहा कि सब महिलाएं. मैंने कहा, 'यस'. मुझे मालूम है कि मुझे मेरे देश को कहां कैसे प्रस्तुत करना है. विकसित भारत के मैं 2 मूलभूत आधार देखता हूं. एक ईस्टर्न इंडिया जहां संपत्ति बहुत ज्यादा है, लेकिन गरीबी सबसे ज्यादा है. मेरा पूर्वी उत्तर प्रदेश, मेरा बिहार, मेरा झारखंड, मेरा बंगाल, ओडिशा. इकॉनिमिकली अगर मैं इसको ताकतवर बना लूं और इनको अगर मैं वेस्टर्न इंडिया के बराबर भी ले आऊं और दूसरा महिलाओं की शक्ति. ये दो ऐसे एरिया हैं, जिसमें मैं भरपूर पोटेंशियल देखता हूं और वो मेरे 2047 की सबसे बड़ी सफलता के लिए कन्वींस हूं कि ये परिणाम देंगे.'
फ्रीबीज के सवाल पर क्या बोले PM?
प्रधानमंत्री से पूछा गया, 'अब महिलाएं अपने दिमाग से वोट कर रही हैं. महिलाएं साइलेंट वोटर भी हैं आपकी. लेकिन तमाम राजनीतिक पार्टियां तमाम फ्रीबीज का ऐलान कर रही हैं और जहां पर उनका वोट जा रहा है, सरकार उनकी बन रही है. इसे आप कैसे देखते हैं?'
जवाब में पीएम ने सवाल किया कि चुनाव जीतने के लिए खजाना खाली करना चाहिए क्या? उन्होंने कहा कि यह सैद्धांतिक मुद्दा है. क्या मुझे खजाना लुटाने का अधिकार है? यह सोचने का विषय है और दुनिया में जिन-जिन देशों की ऐसी हालत हुई है, हमारे पास उदाहरण है. अब देखिए क्या होता है, आप शहर में एक मेट्रो बनाते हैं और उसी शहर में चुनाव जीतने के लिए आप कहते हैं कि महिलाओं को बस में फ्री ले जाएंगे. मतलब आपने मेट्रो के 50 फीसदी पैसेंजर ले लिए. तो मेट्रो वायबल नहीं होगी. भविष्य में मेट्रो बनेगी कि नहीं बनेगी? मुद्दा ये है. इस रूप में कोई चिंता, चर्चा नहीं करता है. अब हम पॉलिटिकल तू-तू मैं-मैं पर चले जाते हैं. मुझे वो नहीं करना है. आपने बस मुफ्त कर दी और इधर मेट्रो खाली कर दी. अब मेट्रो कैसे आगे बढ़ेगी?'