प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राजमाता अमृता रॉय से फोन पर बात की. गौरतलब है कि अमृता रॉय कृष्णानगर में टीएमसी उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. राजमाता अमृता रॉय ने पीएम मोदी से फोन पर बातचीत में टीएमसी द्वारा महाराजा कृष्ण चन्द्र रॉय पर लगाए गए आरोपों को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने पीएम से कहा कि महाराजा ने हिंदुओं को सिराजुद्दौला के अत्याचारों से बचाने और सनातन धर्म की रक्षा के लिए अंग्रेजों का साथ दिया था. महाराजा कृष्ण चंद्र रॉय ने 1728 से 1783 तक कृष्णानगर पर शासन किया था.
अमृता रॉय ने पीएम मोदी से कहा, 'ये लोग (तृणमूल कांग्रेस) महाराजा कृष्ण चंद्र रॉय का विरोध कर रहे हैं. बोल रहे हैं कि उन्होंने अंग्रेजों का साथ दिया था. हम लोगों को गद्दार बता रहे हैं. क्यों किया ये नहीं बता रहे. उन्होंने इतनी जमीन दान की, लोगों की भलाई के लिए इतना सबकुछ किया, इस बारे में नहीं बोल रहे. अगर अंग्रेजों के साथ नहीं जाते तो हमारा सनातन धर्म तो खत्म हो गया होता. उस समय का जो नवाब था सिराजुद्दौला, वह तो बहुत अत्याचारी और भ्रष्टाचारी था. उन्होंने अकेले नहीं किया, बहुत सारे राजा एकजुट हुए थे सिराजुद्दौला के खिलाफ. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, तो हम आज हिंदू नहीं होते. हमारी भाषा अलग होती, हमारी वेशभूषा अलग होती. हम दूसरों के अधीन रहते'.
In a phone call with 'Rajmata' Amrita Roy (BJP candidate from Krishanagar, West Bengal), PM Modi said that he is exploring legal options to ensure that the money looted from the poor in West Bengal goes back to them through whatever assets and money ED has attached from the… pic.twitter.com/F0oBQMlKWJ
— ANI (@ANI) March 27, 2024
पीएम मोदी ने राजमाता अमृता रॉय से कहा, 'बचपन में हमें महाराजा कृष्णचंद्र रॉय द्वारा किए गए समाज सुधार के कार्यों, बंगाल के विकास के लिए किए गए उनके कामों, बंगाल के विकास के मॉडल के बारे में पढ़ाया जाता था. देखिए, ये लोग (तृणमूल कांग्रेस) वोट बैंक की राजनीति करते हैं. इसलिए अनाप-शनाप आरोप लगाएंगे. दो सौ साल, तीन सौ साल पहले की घटना निकालेंगे और बदनाम करने की कोशिश करेंगे. वे खुद अपने जो वर्तमान पाप हैं, उनको छिपाने के लिए ऐसी चीजें ढूंढते रहते हैं. जब भगवान राम की बात आती है, तो सबूत मांगते हैं. कहते हैं इतनी पुरानी बात क्यों निकालते हो. यह उनका दोगलापन है. आपको इसका प्रेशर नहीं लेना चाहिए. आपका स्वयं का जीवन लोगों की सेवा में समर्पित रहा है'.
'सभी भ्रष्टाचारी एक-दूसरे को बचाने के लिए एक साथ आए'
पीएम मोदी ने अमृता रॉय से कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में जो भी संपत्ति और पैसा ईडी ने भ्रष्टाचारियों से जब्त किया वह गरीबों को वापस मिले, क्योंकि ये उनसे ही लूटा गया है. पीएम ने यह भी कहा कि एक तरफ बीजेपी देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है तो दूसरी तरफ सभी भ्रष्टाचारी एक-दूसरे को बचाने के लिए एक साथ आ गए हैं. उन्होंने ने विश्वास जताया कि पश्चिम बंगाल की जनता राज्य में 'परिवर्तन' के लिए मतदान करेगी. इससे पहले पीएम मोदी ने कल भाजपा की बशीरहाट उम्मीदवार रेखा पात्रा से फोन पर बात की थी. रेखा संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं में से एक हैं. पीएम मोदी ने उन्हें 'शक्ति स्वरूपा' बताया था.
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने बीजेपी पर किया था कटाक्ष
बीजेपी द्वारा राजमाता अमृता रॉय को कृष्णानगर से अपना उम्मीदवार बनाए जाने पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था, 'यह बिल्कुल स्पष्ट है कि (वीर) सावरकर की पार्टी, जो महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार है, उस परिवार से किसी को उम्मीदवार बनाएगी, जिसने अंग्रेजों का समर्थन किया था. दूसरी ओर, महुआ मोइत्रा देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही हैं. इतिहास कहता है कि जब सिराज-उद-दौला ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी तो कृष्णानगर के शाही परिवार ने अंग्रेजों की मदद की थी. राजा कृष्णचंद्र रॉय ने ब्रिटिश सेना की मदद की थी.'
राजमाता अमृता रॉय ने टीएमसी के आरोपों को झूठा बताया
अमृता रॉय ने टीएमसी प्रवक्ता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि हर बंगाली और हर भारतीय इस बात से सहमत होगा कि मेरे परिवार के बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है वह पूरी तरह से झूठ है. आरोप यह है कि राजा कृष्णचंद्र रॉय ने अंग्रेजों का पक्ष लिया था. उन्होंने ऐसा क्यों किया? सिराज-उद-दौला के यातना के कारण किया. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, तो क्या हिंदू धर्म यहां बच पाता? क्या सनातन धर्म बच पाता? नहीं. उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो हमारी पहचान में बदल गई होती. तो हम यह क्यों नहीं कह सकते कि महाराजा ने हमें एक सांप्रदायिक ताकत से बचाया था'.