scorecardresearch
 

समर्थकों के सामने रो पड़े कुणाल घोष, TMC प्रदेश महासचिव पद से हटाए जाने पर बोले- पार्टी में कॉमेडी फिल्म चल रही

कुणाल घोष को बुधवार को भाजपा के एक लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच साझा करने और उनकी प्रशंसा करने के कुछ घंटों बाद पद से हटा दिया गया था. गुरुवार को उनके कार्यालय के सामने उनके समर्थकों की भीड़ जमा हो गई. उन्होंने कुणाल घोष के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए और उन्हें पार्टी पद से हटाने का विरोध किया. अपने कार्यालय से निकलते समय कुणाल घोष की नजर कार्यकर्ताओं पर पड़ी, जिन्हें संबोधित करते हुए कुणाल घोष रोने लगे.

Advertisement
X
समर्थकों के सामने रो पड़े कुणाल घोष
समर्थकों के सामने रो पड़े कुणाल घोष

टीएमसी के पश्चिम बंगाल महासचिव पद से हटाए जाने के बाद कुणाल घोष ने दावा किया कि पार्टी को 2021 विधानसभा चुनाव से पहले ही स्कूल भर्ती घोटाले की जानकारी थी. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले घोष का ये बयान मौजूदा लोकसभा चुनावों के बीच आया है, जब एसएससी घोटाला चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है.

दरअसल, कुणाल घोष को बुधवार को भाजपा के एक लोकसभा उम्मीदवार के साथ मंच साझा करने और उनकी प्रशंसा करने के कुछ घंटों बाद पद से हटा दिया गया था. गुरुवार को उनके कार्यालय के सामने उनके समर्थकों की भीड़ जमा हो गई. उन्होंने कुणाल घोष के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए और उन्हें पार्टी पद से हटाने का विरोध किया. अपने कार्यालय से निकलते समय कुणाल घोष की नजर कार्यकर्ताओं पर पड़ी, जिन्हें संबोधित करते हुए कुणाल घोष रोने लगे. 

इस दौरान उन्होंने कहा कि एक महीने पहले, मैंने पार्टी से मुझे मेरे कर्तव्यों से मुक्त करने के लिए कहा था. मैं भी स्टार प्रचारकों की सूची में था, लेकिन अब नहीं हूं. पार्टी ने नये चेहरों को मौका दिया है, ये अच्छी बात है. पार्टी को लंबे समय से जानकारी थी कि शिक्षक भर्ती मामले में कुछ गड़बड़ है. 

Advertisement

उन्होंने दावा किया कि यही कारण है कि 2021 में पार्थ चटर्जी को शिक्षा विभाग से हटा दिया गया था. अगर पार्टी ने इस मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप किया होता, तो नौकरी चाहने वालों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. हम सिस्टम को असहज होने से रोक सकते थे. मैं पार्टी में चल रहे दृश्यों का आनंद ले रहा हूं, यह एक कॉमेडी फिल्म चल रही है.

उन्होंने सवाल उठाया कि इतना बड़ा कांड हो गया और पार्टी को इसकी जानकारी न हो, ऐसा कैसे हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि पार्थ चटर्जी के नाम पर पैसा उठाया जा रहा था, इसकी जानकारी पार्टी को थी. अगर पहले ही इसके खिलाफ कोई कदम उठाया जाता, तो आज ये हालत नहीं होती. उन्होंने दावा किया कि पार्थ चटर्जी को भी इसकी जानकारी थी, इसलिए उन्हें मंत्री पद से हटाया गया था. घोष ने कहा कि मैं अभी भी तृणमूल कांग्रेस में ही हूं और कहीं नहीं जा रहा. उन्होंने कहा कि सुदीप बनर्जी टीएमसी के लिए सही उम्मीदवार नहीं हैं.

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?

ये पूरा मामला एसएससी के जरिए शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा है. 2014 में जब एसएससी ने इस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था, तब पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई. कई आवेदकों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

Advertisement

पांच साल चली सुनवाई के बाद मई 2022 में हाईकोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपी. बाद में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से ईडी ने भी जांच की. सबूत हाथ लगने पर ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया. 

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें मैरिट लिस्ट में ऊपर स्थान दिया गया. कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मैरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दी गई. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे उम्मीदवारों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी. जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है.

पिछले महीने ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया है. इससे बंगाल के लगभग 26 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement