झारखंड में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से राज्य सरकार की शिकायत की है. पार्टी का आरोप है कि सरकार ने स्पेशल ब्रांच के जरिए तमाम जिलों से जातिगत समीकरण की डिटेल्स की मांग राजनीतिक लाभ के लिए की है. इसका पत्र वायरल हो रहा है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन है.
झारखंड में एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें स्पेशल ब्रांच को निर्देश दिया गया है कि लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए हर जिले में जातिगत जनसंख्या क्या है इसका विवरण सरकार को उपलब्ध करवाया जाए.
बीजेपी ने लगाया आरोप
बीजेपी का आरोप है कि 16 मार्च से आदर्श आचार संहिता लागू है. केंद्र की तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं है तो क्या राज्य सरकार ऐसा अपने तंत्र का दुरुपयोग कर निर्देश दे रही है ताकि उस विवरण का राजनीतिक लाभ लिया जा सके. जाहिर है जातिगत समीकरण पता होगा तो अभी कई जगहों पर उम्मीदवार नहीं उतरे हैं, ऐसे में 'इंडिया' की तरफ से उसमें लाभ मिल सकता है और चुनावी एजेंडा सेट करने और समीकरण साधने में आसानी होगी. वोटर मोबिलाइजेशन भी उन विवरण के आधार पर किया जा सकेगा. बीजेपी ने ये तमाम आशंकाएं जताई हैं.
बीजेपी ने की कार्रवाई की मांग
लिहाजा पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार से मुलाकात कर मामले की जांच की मांग की है और ज्ञापन सौंपा है. अगर पत्र सही तो जिले के तमाम एसपी और दूसरे अधिकारी को ये जानकारी देने से रोकने की मांग भी की गई है. बीजेपी ने कार्रवाई की मांग भी की है. पार्टी का आरोप है कि यह सीधा-सीधा आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन है. प्रतिनिधिमंडल में विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुधीर श्रीवास्तव एवं युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज मौजूद थे.