बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात की है. चुनावी सीजन में इस मुलाकात के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक आज (शुक्रवार) सुबह बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी लाल कृष्ण आडवाणी से मिले. दोनों ने साथ चाय पी.
बता दें कि इस चुनाव में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को बीजेपी नेतृत्व ने टिकट नहीं दिया है, ना ही इन्हें प्रचार अभियान में शामिल किया है. बीजेपी द्वारा टिकटों की घोषणा के बाद दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात है. इससे पहले लाल कृष्ण आडवाणी गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ते थे. इस बार गांधीनगर से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में मुरली मनोहर जोशी कानपुर से चुनाव लड़े थे. इस बार वहां से यूपी सरकार में मंत्री सतीश पचौरी चुनाव लड़ रहे हैं.
मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी के बीच ये मुलाकात उस वक्त हुई है जब गुरुवार को ही आडवाणी ने ब्लॉग लिखकर अप्रत्यक्ष रूप से ही बीजेपी आलाकमान को संदेश देने की कोशिश की है. आडवाणी ने लिखा है, "मेरे जीवन को निर्देशित करने वाला सिद्धांत हमेशा से यही रहा है कि राष्ट्र सबसे पहले, इसके बाद पार्टी और खुद सबसे आखिर में. सभी स्थितियों में मैंने इसी सिद्धांत का पालन किया और आगे भी करता रहूंगा." इसके अलावा उन्होंने लिखा है कि पार्टी के अंदर और देशव्यापी स्तर पर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा बीजेपी की गर्वपूर्ण पहचान रही है. बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके आडवाणी ने कहा कि बीजेपी हमेशा से मीडिया समेत हमारे सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की आजादी, अखंडता, निष्पक्षता और मजबूती के लिए आगे रही है.
देश में चल रहे 'एंटी नेशनल' पर उन्होंने लिखा है कि उनकी पार्टी ने कभी भी उससे राजनैतिक रूप से सहमति नहीं रखने वालों को 'राष्ट्र विरोधी' के रूप में नहीं देखा बल्कि उन्हें केवल अपना 'विपक्षी' ही माना.
2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के दिग्गज नहीं लड़ रहे हैं. इनमें आडवाणी, जोशी के अलावा सुषमा स्वराज, उमा भारती, शांता कुमार, सुमित्रा महाजन शामिल हैं. बता दें कि शुक्रवार को ही लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. सुमित्रा महाजन ने एक पत्र लिखकर अपनी राय जाहिर की है. इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन ने सवाल किया कि उनकी पार्टी ने अबतक इंदौर लोकसभा सीट से अभी तक उम्मीदवार घोषित क्यों नहीं किया है. सुमित्रा ने पूछा है कि क्या पार्टी को किसी तरह का संकोच हो रहा है, ये अनिर्णय की स्थिति क्यों है? सुमित्रा ने लिखा है कि वो चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर रही हैं ताकि पार्टी बिना संकोच फैसला ले सके.
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