आरामबाग लोकसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल का महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है. इस सीट का गठन 1967 में हुआ था. आरामबाग आरामबाग डिविजन का मुख्यालय है जो हुगली जिले में आता है. यह पिछड़ा जिला माना जाता है और बैकवर्ड ग्रांट फंड के तहत मिलने वाली सहायता यहां भी दी जाती है. यहां की 60 फीसदी आबादी कृषि कार्यों में लगी है. हालांकि यहां ऐसे स्कूल और कॉलेज हैं जिसमें पढ़ने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. यहां बंगाली हिंदी और अंग्रेजी बोली जाती है. 2014 में यहां लड़ाई ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के बीच हुई. 2019 में यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. क्योंकि बीजेपी पश्चिम बंगाल में तेजी से पैर पसार रही है. कांग्रेस आज भी वहां पर हाशिए पर पड़ी है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
इस सीट का गठन 1967 में हुआ था. फॉरवर्ड ब्लॉक के ए. बोस यहां से सांसद चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस के एस. चौधरी को पराजित किया था. 1971 में सीपीएम के मनोरंजन हजारा ने यह सीट फॉरवर्ड ब्लॉक से छीन ली. कांग्रेस यहां दूसरे स्थान पर रही. 1977 में बीएलडी के प्रफुल्ल चंद्र सेन को विजय मिली कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही. 1980 में सीपीएम की फिर वापसी हुई और बिजॉय कृष्ण मोदक ने यहां से विजय हासिल की. 1980 से लेकर 1984 से 2009 तक सीपीएम का ही जलवा रहा और यहां से सीपीएम के अनिल बसु सांसद चुने जाते रहे. 1984 में अनिल बसु पहली बार सीपीएम से सांसद बने थे इसके बाद 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 तक अपनी विजय यात्रा जारी रखी. 2009 में सीपीएम के शक्ति मोहन ने विजय अभियान जारी रखा.
सामाजिक ताना -बाना
आराबाग अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है जो पश्चिम बंगाल के हुगली और पश्चिम मेदिनीपुर जिले में है. यहां की कुल आबादी 2222338 है. इसमें से 92.51 फीसदी ग्रामीण है जबकि 7.49 फीसदी शहरी. अनुसूचित जाति और जनजाति का रेश्यो यहां पर 30.68 और 3.34 फीसदी है. 2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां पर 1696922 वोटर हैं.
आरामबाग संसदीय क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें आती हैं, इन सातों पर AITC जीती है.
1-हरिपल से बेचराम माना विधायक हैं
2-तारकेश्वर से रक्षपाल सिंह जीते हैं
3-पुरसुराह से नुरुजामन जीते हैं
4-आरामबाग से कृष्ण चंद्र संत्रा जीते हैं
5-गोघाट से मानस मजूमदार को विजय मिली है
6-खानकौल से इकबाल अहमद को विजय मिली है
7-चंद्रकोना से छाया डोलाई जीती हैं
2014 का जनादेश
2009 में ही ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की धमक दिखाई देने लगी थी. 2009 के चुनाव में सीपीएम का उम्मीदवार आरामबाग से भले जीत गया हो पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी थी. 2014 को चुनाव में दोनों पार्टियां फिर आमने-सामने थीं और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार ने सीपीएम के शक्तिमोहन मलिक को करीब 346000 से ज्यादा वोटों से हरा दिया था. अपरूपा पोद्दार जो अफरीन अली के नाम से भी जानी जाती हैं को 748764 वोट मिले जबकि सीपीएम के शक्ति मोहन मलिक को 401919 वोट मिले.
2014 में यहां पर 85.15 फीसदी वोटिंग हुई थी. जबकि 2009 में यह 84.58 फीसदी थी. यहां AITC को 54.98 फीसदी, CPM को 29.51 फीसदी, बीजेपी को 11.64 फीसदी और कांग्रेस को 2.05 फीसदी वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
2014 में सांसद चुने जाने के समय अपरूपा पोद्दार की आयु 33 साल थी. इन्होंने मोहम्मद शाकिर अली से शादी की है. अपरूपा इंग्लिश से एमए हैं और हैदराबाद ओपन यूनवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली है. यह सामाजिक कार्यों से लंबे समय से जुड़ी रही हैं और स्वच्छता. स्वास्थ्य और महिलाओं की हाइजीन के संबंध में काम किया है. संसद में इनका कामकाज देखा जाए तो संसद में इनकी हाजिरी 81 फीसदी रही है. इन्होंने कुल 67 सवाल पूछे हैं और कुल 75 डिबेट में हिस्सा लिया है. इनके नाम कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल नहीं है. सांसद विकास निधि के तहत इनको 25 करोड़ रुपये मिले थे जिसमें से 23.75 करोड़ यानि 95 फीसदी राशि इन्होंने खर्च कर दी है.