तेलंगाना की भुवनगिरि (भोंगीर) लोकसभा सीट 2008 में संसदीय सीटों के परिसीमन के बाद बनी थी. इस सीट का इलाका तेलंगाना के रंगारेड्डी, नलगोन्डा और वारंगल जिलों में आता है. यहां से इस समय तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के बी. नरसैया सांसद हैं. वह 16वीं लोकसभा में पहली बार सांसद बनकर पहुंचे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
भुवनगिरि में दो ही लोकसभा चुनाव हुए हैं 2009 और 2014 में. यहां हुए पहले चुनावों में कांग्रेस पार्टी को जीत मिली तो इसके बाद हुए चुनावों में टीआरएस को जीत मिली. 2014 के चुनावों में पहले नंबर पर टीआरएस के बी. नरसैया रहे और दूसरे नंबर पर कांग्रेस के के. राज गोपाल रेड्डी रहे. 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के के. राज गोपाल रेड्डी यहां से सांसद बने थे. उन्हें 44.70 फीसदी (5,04,103 वोट) मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे सीपीएम के नोमुला नरसिमहैया को 32.29 फीसदी वोटों के साथ 3,64,215 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
2011 की जनगणना के अनुसार इस सीट की आबादी 20,09,432 है. इसमें से 85.29 फीसदी आबादी ग्रामीण और 14.71 फीसदी आबादी शहरी इलाके में रहती है. यहां अनुसूचित जाति की आबादी 19.5 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 5.94 फीसदी है. 2014 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों के अनुसार यहां पर 7,56,963 पुरुष और 7,35,288 महिला यानी कुल 14,92,251 मतदाता हैं. 2014 के लोकसभा चुनावों में 82.21 फीसदी पुरुष मतदाताओं और 80.19 फीसदी महिला मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. भुवनगिरि में सात विधानसभा सीटें हैं. इनमें इब्राहिमपटनम, भुवनगिरि (भोंगीर), थुन्गाथुरथी, अलेयर और जनगांव में टीआरएस, मुनुगोडे और नकरेकल में कांग्रेस की सीटें हैं. इनमें नकरेकल और थुन्गाथुरथी सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं और बाकी पांच सीटें अनारक्षित हैं.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनावों में भुवनगिरि टीआरएस के बी. नरसैया ने करीबी मुकाबले में के. राज गोपाल रेड्डी को करीब 30 हजार वोटों से हराया था. नरसैया को 36.99 फीसदी (4,48,245 वोट) मिले थे. वहीं, कांग्रेस के. राज गोपाल रेड्डी को 34.47 फीसदी (4,17,751 वोट) मिले थे. तीसरे नंबर पर रहे भाजपा के इंद्रसेन रेड्डी को 1,83,217 वोट मिले थे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
भुवनगिरी के सांसद बी. नरसैया ने प्रोफेशनल कोर्स से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. वह श्रम मामलों की स्टैंडिंग कमेटी कमेटी के सदस्य भी रहे हैं. उनकी लोकसभा में उनके प्रदर्शन की बात करें तो उनकी उपस्थिति (57 फीसदी) देश भर के सांसदों की औसत उपस्थिति- 80 फीसदी और अपने राज्य के सांसदों की औसत उपस्थिति- 69 फीसदी से कम रही है. उन्होंने संसद में कुल 65 बहसों में हिस्सा लिया जो राष्ट्रीय औसत (65.3) से थोड़ा कम है, लेकिन उनके राज्य के सांसदों के औसत- 38.2 से काफी ज्यादा है. सदन में पूछे गए सवालों के मामले में भी उनका प्रदर्शन थोड़ा कमजोर है. उन्होंने कुल 218 सवाल पूछे, जबकि राष्ट्रीय औसत 285 सवालों का है तो उनके राज्य के सांसदों का औसत 295 सवालों का है. नरसैया 16वीं लोकसभा में 10 प्राइवेट मेंबर बिल लाए, जबकि राष्ट्रीय और तेलंगाना का औसत इस मामले में 2.2 का ही है. यहां के सांसद बी. नरसैया ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्यों में 16.60 करोड़ रुपये खर्च किए, जो उनको आवंटित मद (ब्याज सहित) का 104 फीसदी बैठता है. हालांकि, इसके बावजूद वह 1.44 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर सके.
एक नजर में तेलंगाना
तेलंगाना राज्य में 17 लोक सभा सीटें हैं. इनमें से 14 पर तेलंगाना TRS का कब्जा है. एक-एक सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और AIMIM के सांसद हैं. यहां के के प्रमुख सांसदों में बीजेपी सांसद बंडारू दत्तात्रेय हैं. उनके अलावा AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी तेलंगाना से ही सांसद हैं. 2014 के लोक सभा चुनाव में तेलंगाना में टीआरएस ने 11 सीटें जीती थीं. कांग्रेस के पास 2 सीटें आई थीं. भाजपा, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और एआईएमआईएम के पास एक-एक सीट आई थी. 2018 में यहां पर हुए विधानसभा चुनावों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को 88 सीटें मिली थीं. इसके बाद कांग्रेस को 19, AIMIM को 2, टीडीपी को 2 और भाजपा और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक को 1-1 सीट मिली थी. 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.