महाराष्ट्र की सोलापुर लोकसभा सीट की 4 विधानसभाओं में एनसीपी और कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन केंद्र में बीजेपी के शरद बनसोडे सांसद हैं. इस सीट से दिग्गज नेता और देश के पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे 3 बार सांसद बने लेकिन चौथी बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा. सोलापुर सीट कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के खाते में जाती है. 2019 के लोकसभा चुनावों में देखने वाली बात होगी कि शरद बनसोडे दोबारा सांसद बनेंगे या फिर सुशील कुमार शिंदे की बेटी कांग्रेस से इस सीट पर दावेदारी करेगी.
विधानसभा सीटों का मिजाज
सोलापुर लोकसभा के अंतर्गत 6 विधानसभा आती हैं. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. यहां की विधानसभा का मिजाज कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के पक्ष में है. विधानसभा सीट मोहोल से एनसीपी, सोलापुर शहर मध्य, अक्कलकोट और पंढरपुर से कांग्रेस, सोलापुर शहर उत्तर और सोलापुर दक्षिण से बीजेपी के विधायक हैं.
लोकसभा सीट का इतिहास
1951 में इस सोलापुर लोकसभा सीट का मिजाज यूनियन लीडर के पक्ष में रहा. 1951 शंकर शांताराम मोर पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया से सांसद थे. 1957 में कांग्रेस के सांसद इस सीट से चुनकर संसद पहुंचे. इसके बाद 1996 तक कांग्रेस के उम्मीदवारों को ही यहां से जीत मिली. 1996 में बीजेपी के लिंगराज वालयाल ने कांग्रेस उम्मीदवार को चुनौती दी और बीजेपी का परचम लहराया. 1998 में इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे जीते जो 1999 में भी दोबारा चुने गए. 2003 में शिंदे ने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लिए इस्तीफा दिया तो यहां उपचुनाव हुआ. उपचुनाव में बीजेपी के प्रतापसिंह मोहिते पाटील विजयी हुए. 2004 में भी ये सीट बीजेपी के पास रही. 2009 के 15वें लोक सभा चुनावों में कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे फिर से सांसद बने. 2014 में बीजेपी के शरद बनसोडे ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली.
लोकसभा सीट पर जीत का गणित
2009 के लोक सभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार शिंदे ने 3,87,591 वोट पाकर जीत हासिल की. बीजेपी के शरद बनसोडे को 2,87,959 वोट मिले थे. वहीं, 2014 के लोक सभा चुनावों में पांसा पूरी तरह पलट गया था. बीजेपी के शरद बंसोड ने 5,17,879 वोट पाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे को हराया. शिंदे को 3,68,205 वोट मिले. तीसरे स्थान पर बीएसपी के संजीव सदाफुले रहे जिन्हें 19,041 वोट मिले थे.
लोकसभा सीट पर सांसद का प्रदर्शन
शरद बनसोडे ने अपना राजनीतिक करियर बीजेपी के टिकट पर 2009 को चुनाव लड़कर किया था लेकिन उन्हें हार नसीब हुई. उनका मुकाबला पूर्व होम मिनिस्टर और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे से था लेकिन शरद भी हार से चुप नहीं बैठे और लगातार लोकसभा में काम करते रहे. 2014 के चुनाव में सुशील कुमार शिंदे को शरद ने 1,49,674 वोटों से हराकर हार का बदला लिया. अभी हाल ही में सोलापुर शहर मध्य की विधायक प्रणीति सुशील कुमार शिंदे ने, शरद बनसोडे को बेवड़ा कहकर मजाक उड़ाया तो शरद बनसोडे ने उन्हें लास्ट वार्निंग दी. प्रणीति, सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं.
संसद में वर्तमान सांसद का प्रदर्शन और संपत्ति
संसद में इनकी उपस्थिति 93 फीसदी रही. वहीं, संसद में 7 डीबेट में भाग लिया और 42 प्रश्न पूछे. प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने में इनका खाता शून्य रहा. इस सीट पर संसदीय इलाके में खर्च करने के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान है. इसमें से मिले फंड का 73.23 फीसदी खर्च किया. पेशे से वकील और प्रोफेशनल ग्रेजुएट बनसोडे ने 2014 के लोकसभा चुनाव के हलफनामे में 6 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी. इन पर 1 क्रिमिनल केस दर्ज है.