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जलगांव लोकसभा सीट: 20 साल से BJP का गढ़, क्या जीत पाएगी कांग्रेस

यहां से बीजेपी के वरिष्ठ नेता ए.टी नाना पाटिल सांसद हैं. वो 2009 और 2014 से लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं. इस बार के भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ए.टी नाना पाटिल को चुनावी मैदान में उतार सकती है.

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जलगांव लोकसभा सीट.
जलगांव लोकसभा सीट.

उत्तर महाराष्ट्र की जलगांव लोकसभा सीट पिछले 20 साल से बीजेपी का गढ़ बनी हुई है. यहां से बीजेपी के वरिष्ठ नेता ए.टी नाना पाटिल सांसद हैं. वो 2009 और 2014 से लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं. इस बार के भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ए.टी नाना पाटिल को चुनावी मैदान में उतार सकती है. इस सीट के इतिहास पर नजर डाली जाए तो यहां पहले चुनाव 1952 में हुए थे.

1952 में यहां से कांग्रेस के हरी विनायक पटासकर जीते थे. लेकिन इसके अगले ही चुनाव में यानि कि 1957 में यह सीट निर्दलीय के कब्जे में रही. यहां से नौसिर भरुचा जीत कर आए. इसके बाद कांग्रेस ने 1962 के चुनाव में दोबारा वापसी करने के लिए पाटिल समुदाय से आने वाले जलाल सिंह शंकर राव पाटिल को चुनावी मैदान में उतारा. उन्होंने यहां जीत दर्ज की.

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फिर अगले दो चुनाव यानि कि 1967 में एस. एस सैयद ने कांग्रेस को यहां से जीत दिलाई और 1971 में यहां कांग्रेस के कृष्णराव माधवराव पाटिल चुनाव जीते. उनके बाद 1977 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ा. फिर 1977 में भारतीय लोक दल के यशवंत मंसाराम बोरोले ने यहां जीत दर्ज की.

जब कांग्रेस ने बनाई जीत की हैट्रिक...

1977 में जलगांव लोकसभा सीट हारने के बाद कांग्रेस ने यहां शानदार वापसी की. यहां से यादव शिवराम महाजन चुनाव जीते. इसके बाद उन्होंने जीत की हैट्रिक बनाई. वो 1980, 1984 और 1989 में लगातार चुनाव जीतते गए.

लेकिन कांग्रेस का 15 साल का राज बीजेपी ने तोड़ दिया. 1991 में गुणवंत राव राम भाऊ सरोडे यहां से जीते फिर उन्होंने 1996 में दोबारा जीत हासिल की. इसके बाद कांग्रेस ने बाजी पलटते हुए 1998 लोकसभा चुनाव में यह जीत कांग्रेस से छीन ली.

जब शुरू हुआ बीजेपी का राज...

1999 से लेकर अब तक बीजेपी का विजय रथ जलगांव लोकसभा सीट पर कांग्रेस नहीं रोक पाई है. 1999 और 2004 में यहां से वाय. जी महाजन ने जीत दर्ज की फिर उनके निधन के बाद 2007 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के नेता हरी भाऊ जावले जीते. उनके बाद 2009 और 2014 से यहां ए. टी नाना पाटिल जीतते आ रह हैं.

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