लोकसभा चुनाव 2019 के लिए ओडिशा की जगतसिंहपुर लोकसभा सीट पर 23 मई को मतगणना हुई. इस लोकसभा सीट से बीजेडी की राजश्री मलिक ने बीजेपी के विभू प्रसाद तराई को 2 लाख 71 हजार 655 वोटों से हराया.
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण यानी 29 अप्रैल को इस सीट पर मतदान हुआ. यहां से 9 कैंडिडेट चुनावी मैदान में थे. बीजेडी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी बदल दिया था. जगतसिंहपुर की सियासत में बीजद, सीपीआई और कांग्रेस का असर रहा है. 2008 से पहले यहां कांग्रेस और सीपीआई के बीच आमने सामने की टक्कर थी, लेकिन 2008 में नवीन पटनायक की पार्टी की एंट्री ने मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया. इसके बाद बीजेपी ने यहां पिछले चुनाव में लाख से ज्यादा वोट पाकर मुकाबला रोमांचक कर दिया. 2008 तक ये सीट सामान्य वर्ग के लिए था, लेकिन 2009 में इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया.
इस बार कितनी हुई वोटिंग
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक यहां 74.61 फीसदी वोटिंग हुई है. 2014 के चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार यहां कुल वोटर्स की संख्या 14 लाख 99 हजार 673 थी. यहां पर पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 97 हजार 923 है. जबकि महिला वोटर्स की संख्या 7 लाख 01 हजार 750 है. 2014 के संसदीय चुनाव में यहां 75.48 प्रतिशत मतदान हुआ था.
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कौन-कौन हैं प्रमुख उम्मीदवार
बीजेडी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी बदल दिया है. पार्टी ने डॉ. कुलमणि समल की बजाय राजश्री मल्लिक को टिकट दिया है. काग्रेस ने यहां से प्रतिमा मल्लिक को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने इस सीट से बिभू प्रसाद तराई को टिकट दिया है. इस सीट से अखिल भारत हिन्दू महासभा, बहुजन समाज पार्टी, अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. सीपीआई कभी यहां काफी असरदार रही थी, लेकिन पार्टी ने इस बार अपना कैंडिडेट नहीं खड़ा किया है.
2014 का जनादेश
2009 में बड़े मार्जिन से इस सीट को जीतने वाली सीपीआई 2014 में मोदी लहर में चौथे नम्बर पर चली गई. इस पार्टी को मात्र 18 हजार 099 वोट मिले. हालांकि बीजेपी भी कुछ कमाल नहीं दिखा सकी. पार्टी कैंडिडेट बिधार मल्लिक 1 लाख 17 हजार 448 वोट हासिल कर तीसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व सीपीआई नेता विभू प्रसाद 3 लाख 48 हजार 98 वोट लाकर रनर अप कैंडिडेट बने. बीजद के डॉ कुलमणि समल को 6 लाख 24 हजार 492 वोट मिले. वह 2 लाख 76 हजार 394 वोटों के अंतर से चुनाव जीते.
सामाजिक ताना-बाना
2011की जनगणना के मुताबिक जगतसिंहपुर की आबादी 19 लाख 93 हजार 228 है . यहां की लगभग 23 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति है, जबकि अनुसूचित जनजाति का आंकड़ा 7.63 प्रतिशत है. यहां की 92 फीसदी आबादी ग्रामीण है, शहरी जनसंख्या का प्रतिशत लगभग 8 है.
जगतसिंहपुर लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं. ये सीटें हैं नीलाई, पारादीप, तिरतोल, बालिकुड़ा ऐरसमा, जगतसिंहपुर, काकतपुर और नीमपारा. 2014 के विधानसभा चुनाव में जगतसिंहपुर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी, बाकी सभी 6 सीटों पर बीजद के कैंडिडेट जीते थे.
सीट का इतिहास
जगतसिंहपुर संसदीय सीट का गठन 1977 के लोकसभा चुनाव से पहले हुआ था. पहली बार लोकसभा चुनाव में इंदिरा विरोधी लहर के कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. यहां से जनता पार्टी समर्थित उम्मीदवार को जीत मिली. 1980 और 84 में कांग्रेस के टिकट पर लक्ष्मण मल्लिक चुनाव जीते. 1989 में लोगों का मिजाज बदला और सीपीआई के लोकनाथ चौधरी चुनाव जीते. 1991 में भी एक बार फिर लोकनाथ चौधरी विजयी रहे.
1996 में यहां का समीकरण फिर बदला. कांग्रेस के टिकट पर रंजीब बिस्वाल विजयी रहे. 2008 में बीजू जनता दल (बीजद) ने इस सीट से अपने कैंडिडेट को उतारा, पार्टी ने कांग्रेस का अच्छी टक्कर दी, लेकिन उनका प्रत्याशी हार गया. रंजीब विस्वाल यहां फिर विजयी रहे. 1999 में जब चुनाव हुए तो बीजेडी ने पहली बार यहां अपना खाता खोला. 2004 में भी बीजद ने इस सीट से जीत का सिलसिला कायम रखा. ब्रह्मानंद पांडा यहां से चुनाव जीते. 2009 में लंबे समय बाद इस सीट पर सीपीआई ने वापसी की. विभू प्रसाद तराई यहां से इलेक्शन जीते. 20014 में मतदाताओं का मिजाज एक बार फिर बदला और बीजू जनता दल को यहां से जीत मिली.
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