2019 के लोकसभा चुनाव के सबसे सटीक और भरोसेमंद एग्जिट पोल के लिए आखिरकार इंतजाम खत्म हुआ. रविवार को सातवें और आखिरी चरण के मतदान के खत्म होने के साथ ही एग्जिट पोल के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. एग्जिट पोल की मानें तो इस बार कांग्रेस को कुल 77-108 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस सत्ता पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है और ऐसे में महागठबंधन से अलग होकर उसे कोई फायदा नहीं हुआ. क्योंकि ये आंकड़ा अकेले कांग्रेस का नहीं है बल्कि यूपीए गठबंधन का है. 2014 में यूपीए को कुल 44 सीटें मिली थीं. अब पुराने आकड़े से थोड़ा सा ही ऊपर उठी है.
देश का सबसे ज्यादा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं और यहीं से देश के प्रधानमंत्री का रास्ता जाता है. एग्जिट पोल के मुताबिक, यूपी में कांग्रेस को 1-2 सीटें ही मिलेंगी. इससे पहले कांग्रेस के एसपी-बीएसपी गठबंधन के साथ जाने के भी कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सीट बंटवारे के चलते गठबंधन नहीं हो सका. आजतक के एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में एसपी-बीएसपी 10-16 सीटें मिलेंगी. मतलब सीधा है मोदी लहर के सामने एक बार फिर विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन का सपना चूर हो गया.
Exit Poll LIVE: 2019 में किसकी जीत, किसकी हार, देखें सबसे बड़ा एग्जिट पोल
नहीं मूर्त रूप ले सका महागठबंधन
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूं तो मजबूत एनडीए से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस की अगुवाई में महागठबंधन की कोशिशें जारी थीं. उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक प्रभावी दलों के नेताओं के बीच कई बार बैठकें भी चलीं, मगर सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसने और आपसी सहमति न होने के चलते महागठबंधन मूर्त रूप नहीं ले सका. बिहार को छोड़कर कांग्रेस कहीं 'महागठबंधन' का हिस्सा नहीं है. पार्टी सिर्फ यूपीए के घटक दलों के साथ ही चुनाव मैदान में है. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और रालोद के इस लोकसभा चुनाव में बने महागठबंधन में भी कांग्रेस को जगह नहीं मिली तो पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से कोई मेल नहीं हो सका. सिर्फ बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान से राजद के साथ चला आ रहा कांग्रेस का गठबंधन इस लोकसभा चुनाव में भी बरकरार है.
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी यह कह चुके हैं कि यूपी में कांग्रेस अकेले दम पर अच्छा प्रदर्शन करके दिखाएगी. ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में देखने वाली बात होगी कि महागठबंधन से अलग लड़ाई कांग्रेस के लिए कितनी फायदेमंद रही? आज आने वाले एग्जिट पोल से इसके संकेत मिल सकते हैं.
यह भी देखें- Bihar Exit Poll 2019 Live: क्या कहता है बिहार का एग्जिट पोल
7 लाख से ज्यादा वोटर्स से किया गया संपर्क
इस बार और ज्यादा सटीक एग्जिट पोल देने के लिए 'आज तक' और एक्सिस माई इंडिया ने सैंपल साइज को 20 गुना तक बढ़ाया है.क्योंकि सैंपल साइज बड़ा होने से एग्जिट पोल के सटीक होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. 2014 में जहां 36 हजार लोगों से बातकर एग्जिट पोल के आंकड़े तैयार किए गए थे, इस बार 2019 में 7 लाख 42 हजार 181लोगों से बातचीत की गई..आप 'आजतक' चैनल के साथ aajtak.in और यू-ट्यूब चैनल पर भी इस एग्जिट पोल को लाइव देख सकेंगे.बता दें कि देश के सबसे भरोसेमंद एग्जिट पोल में आजतक और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल (Exit Poll)की गिनती होती है. अब तक 35 में से 34 एग्जिट पोल बेहद सटीक साबित हुए हैं.
यह भी पढ़ें- West Bengal-Odisha Exit Poll Results 2019: कौन बनेगा पूर्व का किंग?
2014 का चुनाव परिणाम
2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों की बात करें तो बीजेपी ने कुल 428 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 282 सीटों पर जीत मिली. बीजेपी को कुल 17 करोड़ 16 लाख 60 हजार 230 वोट मिले थे. इस प्रकार बीजेपी को कुल 31.34 प्रतिशत वोट मिले थे. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को 335 सीटें हासिल हुईं. वहीं कांग्रेस ने 464 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें सिर्फ 44 सीटों पर ही जीत मिली थी. कांग्रेस को 10 करोड़ 69 लाख 35 हजार 942 वोट यानी 19.52 प्रतिशत वोट मिले थे. इसी तरह सीपीआई(एम) के नौ सांसद चुने गए थे. खास बात थी कि सर्वाधिक 503 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद राष्ट्रीय पार्टी बसपा को एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी.सीपीआई को सिर्फ एक सीट और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को छह लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी.इसी तरह AIADMK को 36 और तृणमूल कांग्रेस को 33 सीटें मिलीं थीं.
इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स की ओर से जनवरी में Mood of the Nation सर्वे जारी हुआ था. इस दौरान यह जानने की कोशिश हुई थी कि कांग्रेस में पीएम पद के उम्मीदवार के लिए सबसे बेहतर चेहरा कौन है.?इस दौरान 52 फीसदी लोगों ने बताया कि राहुल गांधी कांग्रेस की ओर से पीएम पद के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार हैं. वहीं 11 फीसदी लोगों ने माना कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस पद के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं.55 फीसदी लोगों ने माना था कि राहुल कांग्रेस की किस्मत बदल सकते हैं तो वहीं 32 फीसदी लोग मानते हैं कि राहुल लोकसभा चुनाव में पार्टी की किस्मत नहीं बदल पाएंगे. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स के इस सर्वे में 12,166 लोगों से सवाल पूछे गए थे.
पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज(PSE) के आंकड़े
2019 के लोकसभा चुनाव में इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के लिए एक्सिस-माई-इंडिया की ओर से कराए गए सर्वे में पता चला था कि मुस्लिमों और अनुसूचित(एससी) में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता पीएम मोदी से ज्यादा है. जबकि सामान्य वर्ग, ओबीसी और अनुसूचित जनजाति(एसटी) वोटर्स ने नरेंद्र मोदी को पहली पसंद बताया था.
यहां पढ़ें: Uttar Pradesh Exit Poll 2019: यूपी में किसे मिलेंगी कितनी सीटें