दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सीलमपुर में हुई हिंसा में पुलिस की ओर से दर्ज की गयी FIR में सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से AAP के नए उम्मीदवार अब्दुल रहमान का नाम है. इस पूरे मामले में 'आजतक' ने अब्दुल रहमान से खास बातचीत की है.
'लोगों से हिंसा न करने की अपील'
अब्दुल रहमान ने कहा, 'वो एक राजनीतिक FIR थी. मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाकर FIR की गयी थी. किसने FIR की मुझे नहीं पता है. FIR में ढाई बजे का समय लिखा हुआ लेकिन मैं 2 बजे से ऑफिस में था और शाम 5:30 बजे तक अपने फेसबुक पर लाइव बातचीत कर रहा था. हमने लोगों से हिंसा न करने की अपील की, मैं आज भी हिंसा के खिलाफ हूं.'
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वहीं अब्दुल रहमान ने पुलिस को चुनौती देते हुए कहा, 'अगर मेरे नाम की या मेरी कोई एक क्लिप पुलिस दिखा दे तो मैं FIR को सच्चा मान लूंगा. मैं चाहता हूं जांच हो, जांच हुई तो सच्चा साबित होऊंगा.' इसके अलावा मौजूदा विधायक हाजी इशराक की टिकट काटने के बाद नाराजगी के सवाल पर अब्दुल रहमान ने कहा कि पार्टी तय करती है कि टिकट किसे देना है.
नाराजगी होना स्वाभाविक
रहमान ने कहा, 'वो (हाजी इशराक) मेरे बड़े भाई हैं, मैं आज भी उन्हें ही उम्मीदवार मानता हूं. नाराजगी होना स्वाभाविक है, टिकट कटने पर सबको थोड़ी देर के लिए गुस्सा रहता है. मेरी अंतिम पल तक कोशिश रहेगी कि नामांकन भरने से पहले उन्हें मना लूं और हम दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़ें. बुजर्गों से सुना है कि रूठने वाले से मनाने वाला बड़ा होता है.'
बता दें कि टिकट मिलने से पहले अब्दुल रहमान जाफराबाद से आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे हैं. हालांकि पुलिस ने अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. 17 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक अब्दुल रहमान भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.