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सिवान की वो विधानसभा सीट जहां छिड़ी है लोकल बनाम बाहरी की बहस

सिवान में आठ विधानसभा सीटें हैं. इनमें महाराजगंज विधानसभा सीट पर दिलचस्प चुनाव प्रचार देखने को मिल रहा है.

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जेडीयू के उम्मीदवार हैं हेमनारायण साह
जेडीयू के उम्मीदवार हैं हेमनारायण साह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराजगंज से हेमनारायण साह हैं जेडीयू उम्मीदवार
  • 2015 चुनाव में हेमनारायण साह को मिली थी जीत
  • महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के खाते में है सीट

बिहार चुनाव प्रचार अपने चरम पर है. हर सियासी दल अपने -अपने तरीके से प्रचार कर विरोधियों को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, विरोधियों की कमजोर कड़ी को भी भुना रहे हैं. इसकी झलक सिवान जिले की विधानसभा सीटों पर भी देखने को मिल रही है. दरअसल, सिवान में आठ विधानसभा सीटें हैं. इनमें महाराजगंज विधानसभा सीट पर दिलचस्प चुनाव प्रचार देखने को मिल रहा है. 

लोकल बनाम बाहरी की लड़ाई!
महाराजगंज विधानसभा की सीट पर जेडीयू उम्मीदवार हेमनारायण साह अपने विरोधी प्रत्याशियों को बाहरी बता रहे हैं. विधानसभा के वर्तमान विधायक हेमनारायण साह जनता के बीच इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मैं स्थानीय हूं जबकि अन्य उम्मीदवार बाहरी हैं और सिर्फ चुनाव में वोट पाने के लिए महाराजगंज के लोगों के बीच आ रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान जेडीयू उम्मीदवार हेमनारायण साह के इस एक दांव की वजह से स्थानीय स्तर पर लोकल बनाम बाहरी की बहस छिड़ गई है. 

महागठबंधन से कौन 
आपको यहां बता दें कि महाराजगंज में महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार विजय शंकर दुबे मैदान में हैं. पहले विजय शंकर दुबे रघुनाथपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. इस सीट पर मुख्य लड़ाई कांग्रेस बनाम जेडीयू की है. अन्‍य उम्‍मीदवारों में एलजेपी से देवरंजन सिंह हैं, जो पेशे से डॉक्टर भी हैं. देवरंजन सिंह वोटकटवा की भूमिका में नजर आ सकते हैं. एलजेपी से चुनाव लड़ने की वजह से देवरंजन सिंह को लोकल स्तर पर नाराजगी झेलनी पड़ रही है.

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आपको बता दें कि देवरंजन सिंह बीजेपी में थे लेकिन टिकट नहीं मिला तो एलजेपी का झंडा उठा लिया है. यही वजह है कि एनडीए के समर्थक नाराज हैं. इसके अलावा महाराजगंज के पप्पू यादव की पार्टी जाप के विश्वनाथ यादव, निर्दलीय प्रत्‍याशी विश्‍वम्‍बर सिंह, मनोरंजन सिंह भी एनडीए और महागठबंधन दोनों के ही वोटबैंक में सेंध लगा सकते हैं. महाराजगंज में 3 नवंबर को वोटिंग होने वाली है.

 

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