
बिहार की सासाराम विधानसभा सीट (Sasaram Assembly Seat) हॉट सीटों में से एक है. सासाराम सीट से अशोक कुमार इस बार जेडीयू (JDU) के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे. 2015 के चुनाव में वो आरजेडी (RJD) के टिकट पर सासाराम सीट से चुनाव जीते थे. वहीं, इस बार अशोक कुमार को हार का सामना करना पड़ा है. महागठबंधन की ओर से आरजेडी प्रत्याशी राजेश कुमार ने 26423 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. सासाराम विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए और कुल 50.44% मतदान हुआ.

बता दें कि इस सीट पर 2015 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार डॉ. अशोक कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार जवाहर प्रसाद को हराकर जीत दर्ज की थी. इस बार RJD के विधायक अशोक कुमार के JDU में शामिल होने के बाद सासाराम सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हुआ.
इस साल बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में संपन्न हुए. पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले गए. जबकि तीसरे यानी आखिरी चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ.
2015 के चुनावी नतीजे
बिहार की सासाराम विधानसभा सीट पर पिछले कुछ चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में कांटे का मुकाबला होता रहा है. ऐसे में इस बार यहां किसके माथे पर जीत का सेहरा बंधता है इसपर नज़र रहेगी. 2015 में इस सीट पर राजद प्रत्याशी के रूप में अशोक कुमार का कब्जा रहा. राजद के अशोक कुमार को 82766 वोट मिले थे. जबकि भाजपा के जवाहर प्रसाद को 63154 वोट मिले थे. वहीं, तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी कृष्ण कुमार सिंह को 9247 वोट प्राप्त हुए थे. राजद विधायक के जदयू में शामिल होने के बाद से सासाराम सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.
क्या कहता है राजनीतिक इतिहास?
रोहतास जिले के अंतर्गत आने वाली सासाराम विधानसभा सीट पर 1957 में पहला चुनाव हुआ था. 1990 से इस सीट पर भाजपा और राजद में मुख्य मुकाबला होता रहा है. 1990 से 2015 तक इस सीट पर 5 बार BJP जबकि सिर्फ दो बार RJD को जीत मिली है. खास बात ये है कि जवाहर प्रसाद और अशोक कुमार इन दो चहरों के बीच ही हमेशा कांटे की टक्कर रही है. अब तक के आंकड़े बताते हैं कि 1990 और 1995 में भाजपा के टिकट पर जवाहर प्रसाद का इस सीट पर कब्जा रहा है. वहीं वर्ष 2000 में राजद प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार चुनाव जीते थे. इसके बाद 2005 में फिर जवाहर प्रसाद ने वापसी की और 2010 तक सीट पर काबिज रहे. जबकि 2015 के चुनाव में एक बार फिर अशोक कुमार ने भाजपा को टक्कर देते हुए सत्ता में वापसी की.
सामाजिक ताना-बाना
सासाराम विधानसभा सीट रोहतास जिले के अंर्तगत आती है. 2011 की जनगणना के अनुसार सासाराम की कुल जनसंख्या 467532 है. जिसमें 66.7% ग्रामीण जबकि 33.3% शहरी आबादी है. यहां की कुल आबादी में 17.55 फीसदी अनुसूचित जाति (SC) और 1.37 फीसदी अनुसूचित जनजाति (ST) है. 2019 की वोटर लिस्ट के अनुसार, सारासाम निर्वाचन क्षेत्र में 342822 मतदाता और 347 मतदान केंद्र हैं. 2015 में सासाराम विधानसभा क्षेत्र में 353.27% मतदान हुआ था.