
बिहार के मढ़ौरा विधानसभा सीट से आरजेडी के जितेंद्र कुमार राय ने लगातार तीसरी बार जीत का परचम लहराया है. उन्होंने जेडीयू के अल्ताफ आलम को 11385 वोटों के अंतर से मात दी है. मढ़ौरा विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को हुई वोटिंग के दौरान 56.36% मतदान हुए थे. इससे पहले बिहार के सारण जिले में आने वाले मढ़ौरा विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से राजद का ही कब्जा रहा है. यानी राजद ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगा दी है.
इस बार के मुख्य उम्मीदवारों को मिले वोट
2015 में जितेंद्र कुमार राय यहां से विधायक बने. जितेंद्र कुमार राय के पिता यदुवंशी राय भी इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. हालांकि पिछली बार जदयू और राजद ने मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमें बीजेपी उम्मीदवार लाल बाबू राय की हार हुई थी. लेकिन इस बार के बदले हुए समिकरणों में जितेंद्र कुमार राय ने बाजी मार ली.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
मढ़ौरा विधानसभा सीट पर राजद का दबदबा माना जाता है. इस बात का अंदाजा इसी चीज से लगाया जा सकता है कि पिछले 5 बार के विधानसभा चुनावों में तीन बार राजद उम्मीदवार को यहां से जीत मिली है. हालांकि, पिछली बार के चुनाव में राजद को जदयू का समर्थन प्राप्त था और बीजेपी विपक्ष में थी.
पिछले 30 सालों में इस सीट पर काफी उठापटक रही है. 1990 तक इस सीट पर जनता पार्टी और कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन इसके बाद कांग्रेस को एक भी जीत नहीं मिल सकी. वहीं 1990 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय सुरेंद्र शर्मा ने जीत हासिल की थी. उन्होंने जनता दल के यदुवंशी राय को हराया था.
इसके बाद 1995 के चुनावों में यदुवंशी को जनता दल के टिकट पर जीत मिली और वो विधायक बने. 2000 में उन्होंने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा और सुरेंद्र शर्मा को हराया. हालांकि, फरवरी 2005 के विधानसभा चुनावों उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार लाल बाबू राय के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद अक्टूबर 2005 में हुए चुनावों में यदुवंशी राय के बेटे जितेंद्र राय ने पिता के आरजेडी के बजाय जेडीयू का दामन थामा और चुनाव लड़े लेकिन पिता के बाद उन्हें भी हार मिली.
2010 के विधानसभा चुनावों से पहले जितेंद्र कुमार राय ने घर वापसी की और आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़े और लगातार दो बार से वही विधायक पद पर बने हुए थे.
वहीं, उनके धुर-विरोधी लाल बाबु राय ने 2005 में जब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमाई तो उन्हें भारी मतों से जीत हासिल हुई थी. जैसे ही उन्होंने जेडीयू का दामन थामा उन्हें (2010 में) हार का सामना करना पड़ा. 2015 के चुनावों से पहले जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन हो जाने से यह सीट आरजेडी के खाते में गई और पार्टी का टिकट विधायक जितेंद्र कुमार राय को मिला. इसके बाद बगावती सुर दिखाते हुए लाल बाबू राय जेडीयू छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. लेकिन यहां उन्हें पिछले चुनाव में हार ही मिला.
सामाजिक ताना बाना
मढ़ौरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार के सारण जिले में स्थित है और सारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां करीब 389151 आबादी रहती है. इसमें 92.31 फीसदी लोग ग्रामीण हैं और 7.69 फीसदी शहरी आबादी है. वहीं, अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों की आबादी 11.36 फीसदी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 0.07 फीसदी लोग रहते हैं.
2015 का जनादेश
2015 के विधानसभा चुनावों में जितेंद्र कुमार राय ने बीजेपी उम्मीदवार को करीब 16700 वोटों के अंतर से हराया था. यहां राय को 47.61 फीसदी वोट मिले थे, वहीं बीजेपी के लाल बाबू राय को 35.68 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे. 2015 के चुनावों में इस सीट पर 57.1 फीसदी वोटिंग हुई थी.
ये भी पढ़ें-