
बिहार की महुआ विधानसभा सीट पर आरजेडी उम्मीदवार मुकेश कुमार रौशन ने आरजेडी का विजयी पताखा लहरा दिया है. उन्होंने जेडीयू की आश्मा प्रवीण को 13687 वोटों के अंतर से हरा दिया है. हालांकि उनकी जीत में लोजपा उम्मीदवार संजय कुमार सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है. दरअसल इस सीट पर लोजपा उम्मीदवार संजय कुमार सिंह को 25 हजार से ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं. माना जाता है कि अगर लोजपा एनडीए का हिस्सा होती तो ये सीट जेडीयू के खाते में जाती.
बता दें कि महुआ विधानसभा सीट पर इस बार 6 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 59.91% मतदान हुआ. महुआ विधानसभा सीट इस बार के बिहार चुनाव में वीआईपी सीटों में से एक बनी हुई थी. पिछले चुनाव में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने चुनाव लड़कर था और चुनावी राजनीति की शुरुआत की थी. लेकिन इस बार सियासी समिकरण पूरी तरह बदल गए थे. पिछली बार की सहयोगी रही जेडीयू इस बार महागठबंधन की जगह एनडीए का हिस्सा है. वहीं, तेज प्रताप के वैवाहिक जीवन में मचे उथल-पुथल ने भी इस सीट पर आरजेडी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी थीं. हालांकि, इस बार तेज प्रताप ने अपनी सीट बदली और यहां से आरजेडी ने मुकेश कुमार रौशन को मैदान में उतारा था.
इस बार के मुख्य उम्मीदवार

राजनीतिक पृष्ठभूमि
बिहार की महुआ विधानसभा सीट पर आरजेडी का दबदबा रहा है. पिछले चुनाव में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने यहां चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. अभी तक के चुनावों पर नजर डालें तो इस सीट पर 4-4 बार कांग्रेस और आरजेडी को जीत हासिल हुई है. हालांकि, वर्तमान में कांग्रेस का सफाया हो चुका है. इस सीट पर कांग्रेस आखिरी बार 1962 में जीत हासिल हुई थी. यानी पिछले 58 सालों में इस सीट से किसी कांग्रेस उम्मीदवार को जीत हासिल नहीं हुई है. इसके अलावा दो बार जनता पार्टी, दो बार जनता दल और 1-1 बार जेडीयू, समता पार्टी व एलकेडी को जीत हासिल हुई है.
समाजिक ताना-बाना
बिहार के वैशाली जिले के तहत आने वाले महुआ विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जातियों (एससी) का बोलबाला रहा है. यहां अनुसूचित जातियों (एससी) की आबादी कुल आबादी का 21.17 फीसदी है. इस विधानसभा क्षेत्र में पूरी आबादी ग्रामिण है और यहां रहने वालों की जनसंख्या करीब 415530 है.
2015 का जनादेश
2015 के चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार और लालू के बेटे तेज प्रताप ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी. उन्हें 66927 वोट मिले थे. उन्होंने हम पार्टी के रविंद्र राय को करीब 28 हजार वोटों के अंतर से हराया था. वोट परसेंटेज की बात करें तो तेज प्रताप को 43 परसेंट वोट मिले थे वहीं, रविंद्र राय को 25 फीसदी ही वोट प्राप्त हो सके थे.
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