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बिहार ओपिनियन पोल: 14% लोग बोले- चुनाव के दिन तय करेंगे किसे देना है वोट

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को 133-143 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं महागठबंधन को 88-98 सीट, एलजेपी को 2-6 सीट और अन्य को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है. लेकिन कुछ ऐसे भी वोटर्स हैं जिन्होंने कहा है कि उन्होंने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. ये आंकड़ा भी अच्छा खासा है.

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लोकनीति और सीएसडीएस का ओपिनियन पोल
  • सर्वे में एनडीए को 133-143 सीट मिलने का अनुमान
  • महागठबंधन 100 के अंदर सिमट सकता है

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर लोकनीति और सीएसडीएस का ओपिनियन पोल लोगों के बीच आ गया है. ओपिनियन पोल के परिणामों में बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनती दिख रही है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को 133-143 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं महागठबंधन को 88-98 सीट, एलजेपी को 2-6 सीट और अन्य को 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है. लेकिन कुछ ऐसे भी वोटर्स हैं जिन्होंने कहा है कि उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. ये आंकड़ा अच्छा खासा है.

10 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है तो वहीं 14 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने ये कहा है कि वो मतदान के दिन फैसला लेंगे. ऐसे में ये एक निर्णायक आंकड़ा हो सकता है.

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38 फीसदी लोगों ने एनडीए पर भरोसा जताया

ओपिनियन पोल के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में फिर एनडीए की सरकार बनती दिख रही है. बिहार में 38 प्रतिशत लोगों ने एनडीए पर फिर भरोसा जताया है. वहीं 32 फीसदी लोग चाहते हैं कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बने जबकि 6 प्रतिशत लोगों का मानना है कि राज्य में एलजेपी की सरकार बननी चाहिए.

मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश पहली पसंद

बिहार के लिए बेहतर सीएम कौन होगा, इसमें नीतीश कुमार अब भी नंबर वन हैं. उन्हें 31 प्रतिशत लोग सबसे बेहतर मानते हैं, लेकिन 27 प्रतिशत लोग तेजस्वी में भी संभावनाएं देखते हैं. ये नीतीश से ज्यादा बड़ा अंतर नहीं है. इस रेस में चिराग पासवान, सुशील मोदी अन्य दूसरे नेता दूर-दूर तक नहीं हैं.

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लोकनीति-सीएसडीएस का ओपिनियन पोल

लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया, जिनमें से 3731 लोगों से बात की गई. ये सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच किया गया. इनमें 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिला मतदाताओं से बात की गई. पृष्ठभूमि की बात करें तो 90 फीसदी सैंपल ग्रामीण इलाकों से और 10 फीसदी शहरी इलाकों के लोगों से बात की गई.

इनमें हर आयुवर्ग के लोग शामिल थे. 18 से 25 साल तक के 14 फीसदी, 26 से 35 साल के 29 फीसदी, 36 से 45 साल के 15 फीसदी, 46 से 55 साल के 15 फीसदी और 56 साल के अधिक के 17 फीसदी लोग शामिल थे. इस सैंपल में 16 फीसदी सवर्ण, 51 फीसदी ओबीसी, 18 फीसदी एससी और 14 फीसदी मुस्लिम शामिल रहे.

 

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