
बिहार की बाढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्ट के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने एक बार फिर से जीत हासिल कर ली है. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने 10240 वोटों से कांग्रेस के सत्येंद्र बहादुर को मात दी. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को 32.94 फीसदी वोट मिले, जबकि सत्येंद्र बहादुर को 26.01 फीसदी वोट मिले. बाढ़ विधानसभा सीट पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए, यहां कुल 53.75 फीसदी मतदान हुआ.
इधर बिहार के अंतिम नतीजों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार 243 में से 125 सीटों पर विजयी रहे हैं. यह बहुमत के लिए जरूरी 122 के जादुई आंकड़े से तीन अधिक है. जबकि आरजेडी की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत मिली है.
कौन-कौन थे मैदान में?
बीजेपी – ज्ञानेंद्र कुमार सिंह
आरएलएसपी – राकेश कुमार
कांग्रेस – सत्येंद्र बहादुर

कब हआ चुना चुनाव?
पहला चरण – 28 अक्टूबर
नतीजा – दस नवंबर
बाढ़ विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
मुंगेर लोकसभा सीट का हिस्सा बाढ़ शुरुआती वक्त में कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. लेकिन 1990 के बाद से यहां जनता दल का दबदबा दिखना शुरू हुआ, उसके बाद जब जनता दल (यू) बनी और फिर एनडीए का हिस्सा रही, तब जनता ने इन्हीं पर ही भरोसा जताया. ये सीट भी 1951 से ही बन गई थी और शुरुआती तीन चुनावों में कांग्रेस ने बाजी मारी थी. हालांकि, अगर आखिरी तीन चुनाव की बात करें तो ज्ञानेंद्र सिंह ही जीतते आ रहे हैं.
क्या कहता है सामाजिक तानाबाना?
मोकामा विधानसभा सीट की तरह भी यहां पर भूमिहार वोटरों का रुतबा है. यही कारण है कि हर पार्टी भूमिहार उम्मीदवार को ही उतारती रही है. हालांकि, यहां राजपूत सामज के वोटर भी इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हैं. पिछली बार भाजपा ने ज्ञानेंद्र सिंह को मौका दिया और जीत गए. 2015 चुनाव के हिसाब से यहां करीब 2.46 लाख वोटर हैं, इनमें करीब 1.34 लाख पुरुष और 1.11 लाख महिला वोटर हैं. पूरी विधानसभा क्षेत्र में करीब चार पंचायत और तीन-चार ब्लॉक आते हैं, जो चुनावी नतीजा अपने हिसाब से मोड़ सकते हैं.
2015 में क्या रहा था नतीजा?
कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी बदल दी थी. जब लालू-नीतीश साथ आए तो ज्ञानेंद्र ने भाजपा का दामन थाम लिया. वो तीन बार ये यहां से विधायक चुने जा चुके हैं, इनमें से 2005, 2010 में जदयू की सीट से और 2015 में भाजपा की ओर से जीते.