एक टीवी चर्चा में राजनीतिक रणनीतियों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला, जिसमें जाति, भाषा और क्षेत्रीयता के आधार पर समाज को बांटने की बात कही गई. तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के उदाहरणों के साथ भविष्य के संघर्षों पर चिंता व्यक्त की गई. बहस में भ्रष्टाचार एक प्रमुख बिंदु रहा, जिसमें 28 नेताओं, पीएम फंड, सेबी और अडानी के वित्तीय लेन-देन का उल्लेख हुआ और विपक्ष ने जेपीसी जांच की मांग की.