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कटेहरी में ओबीसी और सवर्ण मतदाता तय करेंगे हार जीत, जानें इस सीट का जातिगत समीकरण

कटेहरी में जातिगत आधार पर ही चुनावी समीकरण बनता और बिगड़ता है. यहां उप चुनाव में जाति फैक्टर का बोलबाला रहने की संभावना है. शायद इसीलिए तीनो प्रमुख पार्टियों ने ओबीसी उम्मीदवारों को ही चुनावी मैदान में उतारा है.

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अम्बेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उप चुनाव है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अम्बेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उप चुनाव है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अम्बेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर होने वाला उप चुनाव काफी रोचक होने वाला है. उत्तर प्रदेश की दूसरी बड़ी झील दरवन भी इसी विधानसभा क्षेत्र मे पड़ती है. बात करें 2012 के यूपी चुनाव की तो कटेहरी में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शंखलाल मांझी ने बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे लालजी वर्मा को हराया था. साल 2017 में लालजी वर्मा कटेहरी से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने. उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी अवधेश द्विवेदी को लगभग 6300 मतों से हराया था.

वहीं 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में लालजी वर्मा को बसपा से निष्काषित कर दिया था. उसके बाद लालजी वर्मा सपा में शामिल हो गये और 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा के अवधेश द्विवेदी को 7300 मतों के अंतर से हराकर कटेहरी के विधायक बने. अगर 2017 के चुनाव की बात करें तो लालजी वर्मा के सामने तीन सवर्ण प्रत्याशी थे, जिससे भाजपा के मतों का विभाजन हो गया.

भाजपा से अवधेश द्विवेदी, सपा से जयशंकर पांडेय और निषाद पार्टी से अजय सिपाही चुनाव मैदान में थे. तब लालजी वर्मा महज 6300 मतों से विजयी हुए थे, जबकि 2022 के चुनाव में लालजी वर्मा सपा प्रत्याशी थे और भाजपा ने अवधेश द्विवेदी और बसपा ने प्रतीक पांडेय को मैदान में उतारा था. इस चुनाव में भी बसपा के प्रतीक पांडेय के कारण ब्राह्मण मतों में बिखराव हुआ और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा.

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बसपा प्रत्याशी प्रतीक पांडेय के पिता पवन पांडेय शिवसेना से विधायक रह चुके हैं और अम्बेडकरनगर में ब्राम्हण मतदाताओ में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. भाजपा ने इस बार कटेहरी सीट पर उप चुनाव में तीन बार बसपा के विधायक और मंत्री रहे धर्मराज निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस कारण कटेहरी सीट पर लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है. 

कटेहरी विधानसभा के मुद्दे

कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में विकास और बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. इस क्षेत्र में रोजगार के साधन न के बराबर हैं. रोजगार यहां का प्रमुख मुद्दा है. इस क्षेत्र में रोजगार का साधन सिर्फ कृषि ही है. सरयू नदी के किनारे पर स्थित होने के कारण कुछ क्षेत्र प्रति वर्ष बाढ़ से प्रभावित भी होते हैं. इसके अलावा छुट्टा जानवर, ग्रामीण क्षेत्रों में खराब सड़कें और बिलजी-पानी भी एक मुद्दा है.

कटेहरी सीट का समीकरण

सपा विधायक लालजी वर्मा के अम्बेडकरनगर से सांसद बनने के कारण कटेहरी सीट खाली हुई है. लोकसभा चुनाव में अम्बेडकरनगर की पांचों विधानसभाओं में सपा को कटेहरी में सबसे कम वोटों की बढ़त मिली थी. कटेहरी में जातिगत आधार पर ही चुनावी समीकरण बनता और बिगड़ता है. यहां उप चुनाव में जाति फैक्टर का बोलबाला रहने की संभावना है. शायद इसीलिए तीनो प्रमुख पार्टियों ने ओबीसी उम्मीदवारों को ही चुनावी मैदान में उतारा है. यहां सबसे अधिक संख्या अनुसूचित जाति के मतदाताओं की है. दूसरे नंबर पर ब्राह्मण हैं. कटेहरी में लगभग 4 लाख मतदाता हैं, जिसमें पुरुष 210568 और महिला मतदाता 190306 हैं.

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अनुसूचित जाति- 95000
ब्राह्मण- 50000
क्षत्रिय- 30000
कुर्मी- 45000
मुस्लिम- 40000
यादव- 22000
निषाद- 30000
मौर्य- 10000
राजभर- 20000
बनिया- 15000
पाल- 7000
कुम्हार- 6000
नाई- 8000
चौहान- 5000
विश्वकर्मा- 4000
अन्य- 10285

(कृष्ण कुमार पांडेय की रिपोर्ट)

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