इंडिया टुडे के 'SoS: बिहार फर्स्ट' के मंच पर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने एनडीए में सीट शेयरिंग से लेकर रोजगार और पलायन के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे (नीतीश सरकार) के सामने कोई भी चुनौती नहीं है. बिहार में नीतीश कुमार का काम बोल रहा है.
संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को जिस दौर से निकालकर, जहां लाकर खड़ा कर दिया है, अब दोबारा से उसी हाथ में नहीं देना चाहते हैं. इस बार का चुनाव बिहार के आने वाले 30 साल का भविष्य तय करेगा, क्योंकि आने वाले पांच साल औद्योगिक क्षेत्र के विकास और इनवेस्टमेंट के हैं.
एनडीए गठबंधन में बड़े भाई और छोटे भाई के सवाल पर संजय झा ने कहा कि एनडीए में कोई सीनियर और जूनियर पार्टनर नहीं है, हम लोग सिर्फ़ पार्टनर हैं. हाँ, एक बात ज़रूर है कि नीतीश कुमार ज़रूर एनडीए गठबंधन का चेहरा हैं और उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा जा रहा है. साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि दशहरे के बाद एनडीए की सीट शेयरिंग का फ़ॉर्मूला घोषित कर दिया जाएगा.
नीतीश के सामने कोई चुनौती नहीं-संजय झा
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2025 के विधानसभा चुनाव में सियासी चुनौतियों के सवाल पर संजय झा ने कहा कि हर चुनाव अलग होता है, उसकी चुनौतियाँ भी अलग होती हैं. उन्होंने कहा कि 2005 का चुनाव बिहार में सत्ता परिवर्तन का चुनाव था, 2010 का चुनाव नीतीश कुमार के पाँच साल के कामकाज का था. 2015 का चुनाव बिहार में गठबंधन के बदलाव का था, जबकि 2020 का चुनाव कोविड के बाद का था. अब 2025 का चुनाव बिहार के औद्योगिक विकास का है.
संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने 20 साल में बिहार को विकास के पथ पर लाने के लिए काम किया है. बिहार की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने से लेकर बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में काम किया है. बिहार में सड़क मार्ग, वायु मार्ग और रेल मार्ग की कनेक्टिविटी को जोड़ा है, जिसके चलते ही लोग अब बिहार में निवेश कर रहे हैं.
2025 का चुनाव तय करेगा बिहार का भविष्य
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि बिहार का यह चुनाव राज्य के भविष्य को तय करने वाला है कि अगला तीस साल कैसा होगा. ये चुनाव बिहार के औद्योगिक विकास का है. अगले पाँच साल में एक करोड़ लोगों को रोज़गार देंगे. हम लोग ज़्यादा से ज़्यादा निवेश ला रहे हैं. बिहार में मध्यम आकार के निवेश आने भी लगे हैं. बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया गया है, जिससे बिहार के मखाना की खेती करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा. मखाना खेत में फ़ोटो खिंचाने से कुछ नहीं होता, उन्हें यह सोचना चाहिए कि क्या किया है.
बिहार में बढ़ते अपराध पर क्या बोले झा?
बिहार में बढ़ते अपराध पर संजय झा ने कहा कि एनडीए सरकार से पहले बिहार के थाने में कागज़ नहीं होता था, लोगों की एफ़आईआर रजिस्टर नहीं होती थीं, लोग शाम होते ही घर से बाहर नहीं निकलते थे, स्कूल से बच्चों का अपहरण हो जाता था. आज पटना में लोग रात में टहल रहे हैं, क्योंकि बिहार बदल गया है. यहाँ संगठित अपराध नहीं हो रहा है, 20 साल में कोई दंगा नहीं हुआ, गाँव में लड़कियाँ देर शाम गाड़ियाँ चलाकर जाती हैं, कोई घटना नहीं हो रही है. अगर कोई घटना हो भी जा रही है तो 48 घंटे में आरोपी गिरफ़्तार कर लिया जा रहा है.
रोज़गार और पलायन पर जेडीयू का प्लान
बेरोज़गारी के मुद्दे पर संजय झा कहते हैं कि बिहार में बड़ी संख्या में टीचर बहाली हुई है. ये बहाली साफ़-सुथरी हुई और बहुत बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरी मिली है. हम आने वाले पाँच साल में एक करोड़ युवाओं को रोज़गार देने का लक्ष्य रखा है ताकि पलायन को रोका जा सके. एक करोड़ रोज़गार अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों को मिलेंगे.
वहीं, वोट चोरी के सवाल पर संजय झा कहते हैं कि संसद में भी हम विरोध देख रहे थे तो मैं पूछता था कि एफआईआर बिहार में हो रहा है, लेकिन विरोध देश भर के नेता कर रहे थे. बिहार में राहुल गांधी ने वोट चोरी पर यात्रा निकाली तो लोग हँस रहे थे. वोट चोरी बिहार में तब होता था, जब बूथ लूट लिए जाते थे. राज्य में गरीबों और कमज़ोर तबक़े ने ईवीएम आने के बाद वोट देना शुरू किया है.
पीके बिहार में कितने बड़े चैलेंज के सवाल पर
पीके (प्रशांत किशोर) बिहार में कितने बड़े चैलेंज हैं, इस सवाल पर संजय झा ने कहा कि मीडिया उन्हें हाइप दे रही है, चुनाव नज़दीक आएगा, बिहार का चुनाव दो ध्रुवीय हो जाएगा और तब पीके कहीं नहीं दिखेंगे. नीतीश की ढलती उम्र के सवाल पर संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले छह दिनों में 11 जिलों का दौरा किया, जहां विकास योजनाओं के उद्घाटन से रैली को संबोधित किया.
सुशील मोदी के न होने के सवाल पर संजय झा कहते हैं कि उनके रहने से बहुत आसान था. एनडीए में सारी चीज़ें शीशे की तरह साफ़ थीं, नीतीश कुमार उन्हें आज भी बहुत मिस करते हैं. साथ ही सीट शेयरिंग पर कहा कि सीट बँटवारा एनडीए में हो जाएगा और जल्दबाज़ी नहीं है. एक साल पहले लोकसभा चुनाव में हम मिलकर लड़कर आए हैं. इसीलिए कोई दिक्कत नहीं है और दशहरे के बाद साफ़ हो जाएगा.