मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट की परीक्षा में राजस्थान के सीकर के नलिन खंडेलवाल ने टॉप किया है. नीट की परीक्षा में पहली रैंक लाने वाले नलिन का 720 में से 701 नंबर आया है. उन्हें 99.9999291 परसेंटाइल मिले हैं. नलिन के पिता पेशे से डॉक्टर हैं और भाई भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. आइए नीट टॉप करने के पीछे की कहानी जानें.
National Eligibility cum Entrance Test (NEET) नीट के 2019 के टॉपर नलिन खंडेलवाल ने आजतक से बातचीत में बताया कि उन्होंने पढ़ाई के दौरान सिर्फ एक परहेज रखा. वह परहेज था स्मार्टफोन से दूरी का, उन्होंने अपने टॉप करने की पूरी कहानी यहां बताई. उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी स्मार्टफोन का प्रयोग नहीं किया. घरवालों से बातचीत करने के लिए सामान्य फोन रखता था. वह कहते हैं कि मैंने कभी भी सोशल मीडिया का यूज नहीं किया और परिवार के साथ किसी पार्टी या सोशल गैदरिंग में भी हिस्सा लेने से बचता रहा. सीकर में स्कूली पढ़ाई करने के बाद नलिन पिछले 2 साल से जयपुर की एक कोचिंग में पढ़ रहे थे.
NCERT की किताबों से की पढ़ाई
नलिन का कहना है कि 2 साल उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई के साथ-साथ कोचिंग ली. इसमें से 6 से 7 घंटे तक रोजाना पढ़ाई की. उन्होंने कहा कि पढ़ाई कितने घंटे करते हैं यह मैटर नहीं करता है, पढ़ाई आप लगातार करें तो बेहतर नतीजे आते हैं. कभी भी स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए और जो भी डाउट हो उसे अपने टीचर से पूछना चाहिए. बच्चों के मन में अक्सर यह बात आती है कि छोटा डाउट है, बार-बार पूछेंगे तो लोग कहेंगे कि क्या छोटा-सा सवाल पूछ रहा है मगर ऐसा नहीं सोचना चाहिए और अपने हर डाउट्स को क्लियर करते रहना चाहिए.
Jaipur's Nalin Khandelwal has secured All India Rank 1 in NEET exam, says, 'I am very happy at securing first rank. I used to study for eight hours everyday. I would like to thank my teachers." #Rajasthan pic.twitter.com/0bCGh2Kwg2
— ANI (@ANI) June 5, 2019
एम्स में करना चाहते हैं पढ़ाई
नलिन ने बताया कि जैसा कि हर टॉपर का सपना होता है, वह भी दिल्ली के एम्स में पढ़ना चाहते हैं. अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने मां बाप को दिया. नलिन के पिता राकेश खंडेलवाल ने कहा कि वह शुरू से ही मेधावी रहा है. 12वीं की परीक्षा में भी 95 प्रतिशत नंबर लाए थे. उसे पढ़ाई के लिए कुछ भी कहने की जरूरत नहीं पड़ती थी, वह पढ़ता रहता था. मां ने कहा कि सामान्य बच्चों की तरह पढ़ाई करते-करते उसे क्रिकेट का शौक रहा है. हमने उसे कभी भी अपने शौक पूरे करने से नहीं रोका और ना ही अपने शौक के लिए उसे कहीं ले जाने की जिद की. एलन कोचिंग के देशभर के 10 में से 8 बच्चों ने टॉप किया है.