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JEE Mains Success Story: मोबाइल से दूरी, इतने घंटे सेल्फ स्टडी...  AIR-1 पाने वाले ओमप्रकाश बेहरा ने बताया सक्सेस मंत्र

JEE Mains AIR-1 Om Prakash Behera Success Story: ओमप्रकाश के पिता कमलकांत बेहरा ओडिशा प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां स्मिता रानी बेहरा एक कॉलेज लेक्चरर हैं. मां ने अपने बेटे की पढ़ाई और देखभाल के लिए अपने करियर से तीन साल का ब्रेक लिया और कोटा में उसके साथ रहीं.

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ओमप्रकाश बेहरा ने JEE Mains 2025 अप्रैल सेशन में AIR-1 हासिल की
ओमप्रकाश बेहरा ने JEE Mains 2025 अप्रैल सेशन में AIR-1 हासिल की

JEE Mains AIR-1 Om Prakash Behera Success Story: ओमप्रकाश बेहरा, एक साधारण परिवार से आने वाला असाधारण प्रतिभाशाली छात्र, ने जेईई मेन 2025 के अप्रैल सेशन में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल कर देशभर में अपनी प्रतिभा का डंका बजाया. ओडिशा के भुवनेश्वर में 12 जनवरी 2008 को जन्मे ओमप्रकाश ने न केवल कोटा की शैक्षणिक उत्कृष्टता को साबित किया, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण से लाखों छात्रों के लिए एक मिसाल कायम की.

परिवार का सहयोग
ओमप्रकाश के पिता कमलकांत बेहरा ओडिशा प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां स्मिता रानी बेहरा एक कॉलेज लेक्चरर हैं. मां ने अपने बेटे की पढ़ाई और देखभाल के लिए अपने करियर से तीन साल का ब्रेक लिया और कोटा में उसके साथ रहीं. यह पारिवारिक समर्पण ओमप्रकाश की सफलता का एक बड़ा आधार बना.

 
10वीं कक्षा में 92% अंक
10वीं कक्षा में 92% अंक हासिल करने के बाद ओमप्रकाश ने कोटा के एलन करियर इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया. पिछले तीन साल से वह एलन के रेगुलर क्लासरूम प्रोग्राम का हिस्सा रहे. जनवरी सेशन में उन्होंने परफेक्ट स्कोर (300/300) हासिल किया और अप्रैल सेशन में भी अपनी शानदार फॉर्म को बरकरार रखते हुए AIR-1 प्राप्त किया.

ओमप्रकाश ने अपनी सफलता का श्रेय कोचिंग टीचर्स और कोटा के प्रतिस्पर्धी माहौल को दिया. उन्होंने बताया, “एलन की फैकल्टीज की गाइडलाइंस और स्टडी मटेरियल परफेक्ट हैं. कोटा में कंटेंट और कम्पीटिशन दोनों बेस्ट हैं.” 

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8-9 घंटे की सेल्फ-स्टडी
वह रोजाना 8-9 घंटे सेल्फ-स्टडी करते थे और हर टेस्ट के बाद अपनी गलतियों का विश्लेषण कर उन्हें सुधारने पर ध्यान देते थे. उनका सक्सेस मंत्र था, “जो हो चुका, उस पर ध्यान न देकर जो हो रहा है, उस पर फोकस करो.”

मोबाइल फोन से बनाई दूरी
आज के डिजिटल युग में जहां सोशल मीडिया और स्मार्टफोन ध्यान भटकाने का बड़ा कारण हैं, ओमप्रकाश ने फोन से दूरी बनाए रखी. उनका मानना था कि फोन उनकी पढ़ाई में बाधा बन सकता है. इसके अलावा, उन्हें नोवेल्स पढ़ने का शौक है, जो उनकी मेंटल रिफ्रेशमेंट का साधन बना.

IIT मुंबई से बीटेक करना चाहते हैं ओमप्रकाश
वर्तमान में ओमप्रकाश जेईई एडवांस्ड की तैयारी में जुटे हैं. उनका सपना है आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस ब्रांच में बीटेक करना. उनकी यह यात्रा न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन, पारिवारिक समर्थन और आत्म-अनुशासन के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है.

प्रेरणा का स्रोत
ओमप्रकाश की कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो जेईई जैसे कठिन इम्तिहान की तैयारी कर रहे हैं. उनकी मेहनत, फोकस और गलतियों से सीखने की आदत ने उन्हें देश का टॉपर बनाया. कोटा के प्रतिस्पर्धी माहौल और एलन के मार्गदर्शन ने उनकी प्रतिभा को निखारा, लेकिन यह ओमप्रकाश का दृढ़ संकल्प ही था जिसने उन्हें शिखर तक पहुंचाया.

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