अपने बच्चे की भावनाओं को सुनें
पूछें कि कैसे एक विशेष स्थिति ने उसने क्या महसूस किया. बच्चे में आई कोई भी नेगेटिव फीलिंग को जितनी जल्दी हो सके बात करके सुलझा लें, साथ ही ये जरूर जान लें कि आपका बच्चा सोचता है कि आप समझते हैं कि वो क्या महसूस कर रहा है. इसलिए हमेशा उसे देखकर रिऐक्ट करने की कोशिश करें, जैसे कभी वो खुश दिखे तो पूछे क्या बात है बहुत खुश हो, या दुखी दिखने पर पूछो क्यों निराश दिख रहे हो, इस तरह गुस्सा, हताशा हर भाव को पढ़कर उसे हटा दें.