भारत को आजादी मिलने के तुरंत बाद, नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और फिरोज ने अलग राजनीतिक लाइन चुनी. अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, फिरोज ने नेहरू सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ लिखना शुरू किया. फिरोज ने नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया और कई बड़े घोटालों को उजागर किया. नेहरू के खिलाफ उनके साहसिक दृष्टिकोण ने इंदिरा और फिरोज के बीच एक असहज क्षेत्र बनाया. जैसे ही नेहरू और फिरोज़ के बीच दरार बढ़ी, इंदिरा दिल्ली में अपने पिता के घर चली गईं.
1958 में, फिरोज को दिल का दौरा पड़ा और उस दौरान इंदिरा गांधी उनकी देखभाल के लिए लौट आईं. 8 सितंबर, 1960 को हार्ट अटैक से फिरोज गांधी का निधन हो गया था. उनकी मृत्यु के बाद, इंदिरा राजनीति में सक्रिय हो गईं और बाद में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं.
(फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी)