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उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाएगी वैदिक गणित, बदलेगा कक्षा 6 से 8 तक का सिलेबस

यह बदलाव सरकारी स्कूलों के गणित पाठ्यक्रम में कक्षा 6 से 8 तक लागू होगा. शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर वैदिक गणित की पद्धतियों से परिचित कराया जाएगा. 2025-26 सत्र की नई NCERT पुस्तकों में वैदिक गणित के अध्याय शामिल किए जाएंगे.

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Students will learn vedic maths in UP government schools
Students will learn vedic maths in UP government schools

उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा जगत में एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को अब वैदिक गणित भी पढ़ाया जाएगा. यह विषय विशेष रूप से राज्य के सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा और इसे NCERT की गणित की पुस्तकों में शामिल किया जाएगा. यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी होगा.

इस निर्णय का उद्देश्य क्या है ?

भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करना: वैदिक गणित भारत की प्राचीन विधा है जो गणनाओं को सरल बनाती है.

गणना क्षमता में वृद्धि: वैदिक गणित की ट्रिक्स छात्रों को कम समय में सटीक उत्तर निकालना सिखाती हैं.

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप: यह कदम शिक्षा में भारतीय मूल्यों के समावेश का प्रतीक है.

राज्य-केंद्र तालमेल: पाठ्यक्रम में बदलाव केंद्र और राज्य दोनों की प्राथमिकताओं को दर्शाता है.

वैदिक गणित क्या है ?
वैदिक गणित की अवधारणा स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ जी द्वारा 20वीं शताब्दी में दी गई थी. उन्होंने 16 मुख्य सूत्र और 13 उप-सूत्रों के जरिए जोड़, घटाव, गुणा और भाग जैसे गणितीय कार्यों को बेहद सरल बनाया.

प्रयोग की प्रक्रिया कैसे चलेगी ?
यह बदलाव सरकारी स्कूलों के गणित पाठ्यक्रम में कक्षा 6 से 8 तक लागू होगा. शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर वैदिक गणित की पद्धतियों से परिचित कराया जाएगा. 2025-26 सत्र की नई NCERT पुस्तकों में वैदिक गणित के अध्याय शामिल किए जाएंगे.

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डॉ. आर.के. मिश्रा, वरिष्ठ शिक्षाविद् का मानना है कि “यह केवल गणना की विधि नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है. छात्र तेज गणना के साथ-साथ हमारी गौरवशाली परंपरा से भी जुड़ेंगे.”

राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इस मामले पर कहा, “वैदिक गणित के समावेश से बच्चों में तार्किक क्षमता के साथ-साथ उनकी रुचि और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीन पर उतारने की दिशा में महत्वपूर्ण है.”

आगे क्या उम्मीद की जा सकती है ?
उत्तर प्रदेश की यह पहल न केवल गणितीय दक्षता बढ़ाने का साधन है, बल्कि यह छात्रों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ने की दिशा में भी एक प्रभावी प्रयास है. अन्य राज्य भी जल्द ही इसी मॉडल को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.

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