UPSC CSE Prelims 2025 Result Expected Date: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा (CSE) प्रारंभिक 2025 25 मई को आयोजित की गई थी. परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई थी. कैंडिडेट्स का सामान्य अध्ययन पेपर I सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (CSAT) दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक चला था. पिछले रुझानों के आधार पर, परीक्षा के 15 दिन बाद परिणाम जारी होने की उम्मीद है. परिणाम 16 जून तक जारी किया जा सकता है.
UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2025 का प्रारंभिक (Prelims) परीक्षा परिणाम जब घोषित होगा, तो उम्मीदवारों की एक शॉर्टलिस्ट PDF फॉर्मेट में जारी की जाएगी. इस PDF में केवल उन उम्मीदवारों के रोल नंबर होंगे जो मुख्य परीक्षा (Mains) के लिए योग्य पाए गए हैं. यह PDF आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर उपलब्ध होगी, जहां से उम्मीदवार इसे देख और डाउनलोड कर सकते हैं.
How To Download UPSC CSE 2025 Prelims Result:
Step 1- रिजल्ट जारी होने के बाद सबसे पहले, यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं.
Step 2- होमपेज पर, "नया क्या है" शीर्षक वाले अनुभाग को देखें या परीक्षा अनुभाग तक स्क्रॉल करें.
Step 3- "यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स 2025 परिणाम" लिंक पर क्लिक करें.
Step 4- एक पीडीएफ फाइल खुलेगी या डाउनलोड होगी - इसमें योग्य उम्मीदवारों के रोल नंबर होंगे.
Step 5- यह देखने के लिए कि आपने योग्यता प्राप्त की है या नहीं, सूची में अपना रोल नंबर खोजने के लिए Ctrl+F का उपयोग करें.
अगर हम पिछले साल की बात करें, तो प्रीलिम्स की कट-ऑफ में सभी श्रेणियों में बढ़ोतरी देखी गई थी. सामान्य वर्ग (General category) की कट-ऑफ 87.98 अंक रही थी, जबकि OBC वर्ग के लिए 87.28 और EWS श्रेणी के लिए 85.92 अंक की कट-ऑफ दर्ज की गई थी. यह पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा अधिक था, जिससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि परीक्षा का स्तर थोड़ा आसान था या अधिक उम्मीदवारों ने बेहतर प्रदर्शन किया था.
हालांकि, साल 2023 में तस्वीर बिलकुल अलग थी. उस साल प्रारंभिक परीक्षा की कट-ऑफ में काफी गिरावट दर्ज की गई थी. सामान्य श्रेणी की कट-ऑफ सिर्फ 75.41 अंक रही, जो हाल के वर्षों में सबसे कम में से एक थी. यह गिरावट इसलिए आई क्योंकि उस साल का CSAT पेपर बहुत कठिन था. चूंकि CSAT पेपर क्वालिफाइंग होता है, लेकिन उसे पास करना जरूरी होता है, इसलिए कई उम्मीदवारों को इसमें योग्यता सीमा पार करना भी मुश्किल लगा. परिणामस्वरूप, कुल कट-ऑफ में कमी आई.