Paper leak 2024: साल 2024 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित की गई सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी परीक्षा का पेपर लीक होने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवार और जिन्होंने इन भर्तियों का पेपर दिया था उनके बीच खलबली मची हुई है. इन भर्ती प्रक्रियाओं में जितने भी उम्मीदवारों ने फॉर्म भरा था उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा है. RO और ARO की परीक्षा के लिए 10,69,725 उम्मीदवारों ने पेपर दिया था और वहीं, पुलिस भर्ती में 48 लाख उम्मदीवारों ने परीक्षा दी है.
पुलिस भर्ती पेपर लीक में इतने लोग गिरफ्तार
दोनों परीक्षाओं के उम्मीदवारों को देखा जाए तो 57 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स का करियर दांव पर लगा हुआ है. पुलिस भर्ती के पहले दिन ही 48 लाख उम्मीदवार परीक्षा में उपस्थित हुए थे. महीनों की मेहनत, घंटो पढ़ाई और लगन के साथ लाखों उम्मीदवार परीक्षा देने आए थे लेकिन जब पेपर लीक की खबर सुनी तो यही लोग हैरान परेशान हो गए. हालांकि आयोग ने इन खबरों को फेक बताया है, इस मामले में एसटीअफ की टीमों द्वारा 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. वहीं, आरओ के पेपर लीक मामले को लेकर पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगी हुई हैं लेकिन अभी तक ना तो किसी को गिरफ्तार किया गया है न ही पेपर लीक का कोई सबूत हाथ लगा है.
पिछले 7 दिनों में 2 पेपर लीक मामले
पिछले 3 हफ्तों से कैंडिडेट्स समीक्षा अधिकारी और अब यूपी पुलिस भर्ती में पेपर लीक को लेकर आवाज उठाए हुए हैं. 11 फरवरी 2024 को जब सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी की परीक्षा हो रही थी तब उम्मीदवारों ने केंद्र के बाहर खड़े होकर हाथ में पेपर लेकर दिखाया कि परीक्षा से पहले ही यह लीक हो चुका है. पिछले 7 दिनों से उम्मीदवार आंदोलन कर रहे हैं, कभी री-एग्जाम की मांग करे रहें. इसी बीच दूसरा पेपर लीक होने की खबर से उम्मीदवार काफी परेशान हैं. साल की शुरुआत में ही दो पेपर लीक की खबरे सबको सोचने पर मजबूर कर रही हैं. आखिर पेपर लीक करने में यकीनन प्रशासन से जुडे किसी ना किसी व्यक्ति का हाथ होता है.
पेपर लीक बिल पेश होने के बाद भी नहीं रुके मामले
लोकसभा में प्रवेश परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक रोकने के लिए एक नया बिल पेश किया गया है. इस कानून का उद्देश्य है कि पेपर में नकल को कम किया जा सके. अगर कोई इस मामले में दोषी पाया गया तो उसे 3 से 5 लाख का जुर्माना और 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. इस कानून के आने के बाद भी पेपर लीक के दो मामले सामने आए हैं. यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल की 60244 रिक्तियों को भरा जाना था और सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी की 411 पदों को भरा जाना था लेकिन फिलहाल इनकी शुचिता को लेकर चर्चा हो रही है.