बोर्ड परीक्षा के दौरान तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के वल्लीयूर से एक दुखद खबर सामने आई है. यहां एक बोर्ड परीक्षा के दिन 12वीं के छात्र की मां का निधन हो गया. मां की मौत होने के बावजूद सुनील कुमार ने अपने दुख को दबाकर तमिल भाषा की परीक्षा दी और दोपहर को वे घर लौट आया. सुनील कुमार ने अपनी यूनिफॉर्म, हॉल टिकट ली और फिर अपनी मृत मां के सामने खड़ा हो गया.
घर से निकलने से पहले सुनील ने हॉल टिकट मां पैरों पर रखी और वहां से जाने का फैसला किया, लेकिन वह रो पड़ा. उसके रिश्तेदार ने उसे पकड़ लिया और उसे परीक्षा केंद्र ले गए और कहा कि उसकी मां ने उसके लिए और कुछ नहीं चाहा होगा, सिवाय इसके कि वे अच्छे अंकों से परीक्षा पास करे और जीवन में सफल हो.
वल्लियुर के सुनील कुमार उन 8 लाख छात्रों में से एक थे जो 3 मार्च को 12वीं की पब्लिक परीक्षा देने के लिए तैयार थे. सुनील कुमार के पिता कृष्णमूर्ति की छह साल पहले मौत हो गई थी. उनकी मां सुबलक्ष्मी ने सुनील कुमार और उनकी बहन यासिनी का पालन-पोषण करने के लिए संघर्ष किया. पति की मौत के बाद से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की पूरा ध्यान सुबलक्ष्मी ने ही रखा था.
हृदय रोग के कारण हुई सुबलक्ष्मी की मृत्यु
परीक्षा के पहले दिन ही सुनील कुमार पर दुखद घटना घटी, जब उनकी मां सुबलक्ष्मी हृदय रोग के कारण चल बसीं. टूट चुके सुनील कुमार को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें लेकिन उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने सुबलक्ष्मी के संघर्ष को देखा था, जिससे उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया और उन्हें परीक्षा देने के लिए तैयार होने की ताकत दी थी. इसलिए सभी ने छात्र को समझाया कि अपनी मां के लिए बेटे को एग्जाम जरूर देना चाहिए. वे भी यहीं चाहती थीं कि कभी भी उनके बच्चों की पढ़ाई ना रुके.
शिक्षा मंत्री ने की छात्र से बात
राज्य के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश की टीम ने सुनील कुमार से बात की. अंबिल महेश की टीम ने कहा, "हम एक भाई के रूप में छात्र के दुख को समझ सकते हैं और उससे कहा कि मंत्री अंबिल महेश ने उसे परीक्षा देने के लिए कहा है और उसे पूरा समर्थन मिलेगा."