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फर्जी फार्मेसी स्टूडेंट्स और प्रोफेसर की खैर नहीं, PCI ने उठाया ये बड़ा कदम

फार्मेसी सेक्टर में हो रहे बदलाव के बारें में भारत सरकार द्वारा गैजेट घोषित कर दिया गया है. जारी गैजेट के अनुसार फार्मेसी के सभी सरकारी और प्राइवेट कॉलेज या यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स और प्रोफेसर का ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो: Freepik.com)
सांकेतिक तस्वीर (फोटो: Freepik.com)

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा फार्मेसी एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलाव किए गए हैं. अब देशभर की फार्मेसी कॉलेज और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में इसी एकेडमिक ईयर से  स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स का आधार वाइज वेरिफिकेशन किया जाएगा.फार्मेसी एजुकेशन में किए गए इस बदलाव का मकसद फर्जी स्टूडेंट्स और प्रोफेसर सिस्टम से दूर होंगे.

कैसे होगी वेरिफिकेशन?
फार्मेसी सेक्टर में हो रहे बदलाव के बारें में भारत सरकार द्वारा गैजेट घोषित कर दिया गया है. जारी गैजेट के अनुसार फार्मेसी के सभी सरकारी और प्राइवेट कॉलेज या यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स और प्रोफेसर का ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा. इसके लिए स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स को  फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के पोर्टल पर जाकर अपना आधार कार्ड लिंक करना होगा.

फर्जी लोगों पर होगी कर्रवाई
इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य फर्जी या डुप्लीकेट फार्मेसी स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स की समस्या से छुटकारा पाना है. अगर कोई फर्जी पाया जाता है तो उसपर  फार्मेसी एक्ट के तहत दंडनीय कार्रवाई की जाएगी. फार्मेसी काउंसिल ओफ़ इंडिया के प्रमुख मोंटू पटेल ने कहा, फार्मेसी में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए ये बदलाव जरूरी था. डुप्लीकेट प्रोफेसर सिस्टम से दूर होंगे जिससे फार्मेसी के छात्र-छात्राओं को उत्तम शिक्षा प्राप्त हो पाएगी.

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नियम अनुसार प्रोफेसरों को वेतन मिलेगा
फार्मेसी कॉलेजों में चल रही नेगेटिव प्रैक्टिस इससे बंद होगी. नई पॉलिसी के मुताबिक नए फार्मेसी प्रोफेसरों की भर्ती हो पाएगी. प्रोफेसरों के नियम के मुताबिक कॉलेजों को वेतन भी चुकाना पड़ेगा.

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