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JNU चुनाव: अध्यक्ष पद के लिए 48 लोगों ने भरा पर्चा, इस बार कौन लहरा पाएगा विजयी पताका?

इस चुनाव का मतदान दो चरणों में होगा - सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक. इसके बाद इसी दिन रात 9 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी. उम्मीद है कि परिणामों की घोषणा 28 अप्रैल तक कर दी जाएगी. केंद्रीय पैनल के लिए 165 नामांकनों में से 48 अध्यक्ष पद के लिए, 41 उपाध्यक्ष के लिए, 42 महासचिव के लिए और 34 संयुक्त सचिव के लिए हैं.

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JNU Student Election 2025
JNU Student Election 2025

JNUSU 2025: 25 अप्रैल को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्रों के बीच चुनाव होने वाले हैं.  विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई. इस चुनाव में काउंसलर के पद के लिए 250 और विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के चार केंद्रीय पैनल पदों के लिए 165 नामांकन प्राप्त हुए हैं. चुनाव समिति के अनुसार, बुधवार को नामों की जांच और वापसी होगी, जिसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की जाएगी. 

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इस चुनाव का मतदान दो चरणों में होगा - सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक. इसके बाद इसी दिन रात 9 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी. उम्मीद है कि परिणामों की घोषणा 28 अप्रैल तक कर दी जाएगी. केंद्रीय पैनल के लिए 165 नामांकनों में से 48 अध्यक्ष पद के लिए, 41 उपाध्यक्ष के लिए, 42 महासचिव के लिए और 34 संयुक्त सचिव के लिए हैं.

केंद्रीय पैनल के लिए नामांकन दाखिल करने वाले छात्रों की सूची में थिटे शांभवी प्रमोद, अनुज दामारा, कुणाल राय और अन्य शामिल हैं. अंतिम चार नामों की घोषणा जांच के बाद की जाएगी. परिसर में छात्रावासों और कक्षाओं में भी प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. इस बीच, जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि वाम समर्थित संगठनों के बीच चर्चा अभी भी जारी है और बुधवार तक उनके उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए जाएंगे.

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चुनावों से पहले, स्कूल-स्तरीय आम सभा (JBM) 17 अप्रैल को शुरू होगी, जबकि विश्वविद्यालय-व्यापी जीबीएम 22 अप्रैल को आयोजित की जाएगी और राष्ट्रपति पद की बहस 23 अप्रैल को होगी. 24 अप्रैल को 'नो कैंपेन डे' के रूप में मनाया जाएगा.

इस साल किसकी हो सकती है जीत? 

जेएनयूएसयू चुनाव चार साल के अंतराल के बाद लगातार दूसरे साल हो रहे हैं. पिछले चुनाव में, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) से मिलकर बने यूनाइटेड लेफ्ट पैनल ने चार में से तीन केंद्रीय पदों पर जीत हासिल की थी, जबकि महासचिव का पद बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (BAPSA) के उम्मीदवार के पास गया था, जिसे वामपंथी गठबंधन का समर्थन प्राप्त था. इस साल देखना होगा कि कौन-सा छात्र संघ जेएनयू स्टूडेंट इलेक्शन जीतता है और इस साल गठबंधन होगा या नहीं.

दूसरी ओर, बीते सालों से कैंपस में अच्छा कर रही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वोटर भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं उन्हें पूरा भरोसा है कि इस बार वह केंद्रीय पैनल के चारों सीट के अलावा कई सारे काउंसलर की सीट पर भी विजय हासिल करेंगे, जिसको लेकर वह चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. 

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